मध्यस्थता से बड़े बड़े मुकदमो का हो सकता है निबटारा

AJ डेस्क: मध्यस्थता के द्वारा बड़े-बड़े मुकदमों का निपटारा हो सकता है। इस पूरी कार्यवाही में ना कोई हारता है ना ही कोई जीतता है। मध्यस्थता समाज मे प्रेम पुष्प को खिलाने का काम करती है। जज को भी ज्यादातर विवादों के समाधान के लिए विवादों को मध्यस्थता केंद्र भेजना चाहिए। उक्त बातें रविवार को आयोजित रेफरल जज मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी ने कही। इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन उन्होंने दीप प्रज्वलित कर किया।

 

 

इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जनवरी से लेकर दिसंबर 19 तक जिले के सभी अदालतो द्वारा कुल 2314 मुकदमो को मध्यस्थता के लिए भेजा गया। जिसमें 1085 मुकदमो का निष्पादन मधय्स्थता के माध्यम से किया गया।

 

 

वहीं इस मौके पर डालसा के सचिव सह अवर न्यायाधीश अरविंद कच्छप ने कहा कि झालसा के निर्देश पर एक दिवसीय मध्यस्थता शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें पदाधिकारियों और अधिवक्ताओं को मध्यस्थता के संबंध मेंं जानकारी दी गई।

 

 

इस कार्यक्रम में कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश सत्य प्रकाश, जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दुबे, संजय कुमार, अरविंद कुमार पांडे, शशिभूषण शर्मा, बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अर्पित श्रीवास्तव, तबिंदा खान, मोमिता गोइंन, रवि नारायण, खुशबू त्यागी, रितु कुजुर, संगीता वीणा कुमारी आदि मौजूद थे।

 

 

 

 

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