बाजार समिति के थोक व्यापार ठप्प होने से एक सौ करोड़ का टर्न ओवर होगा प्रभावित

AJ डेस्क: झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण में हुए धनबाद कोयलांचल में मतदान के बाद यहाँ के व्यवसायी हलकान है। उन्हें न सिर्फ भारी नुकसान और माल बर्बाद होने का भय सता रहा है, बल्कि वो इससे बाजार में महंगाई बढ़ता भी देख रहे है।

 

 

लोकसभा चुनाव 2019 की ही तरह इस बार विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर भी धनबाद बाजार समिति में जिला प्रशासन ने स्ट्रांग रूम बनाया है। लेकिन पिछली बार की तरह बाजार समिति के व्यापारियों को इस बार बाजार समिति में वैकल्पिक रास्ता नहीं दिया गया है। जिस वजह से यहाँ मौजूद 4 सौ 26 दुकाने 13 दिसंबर से 24 दिसंबर तक बंद रहेंगे। यहाँ के व्यापारियों कि माने तो इन 12 दिनों में करीब 1 सौ करोड़ रूपये से अधिक का व्यापार प्रभावित होगा। जिसका भारी नुकसान व्यापारियों को उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि यहाँ 30 टन से अधिक प्याज रखा है। जो दुकान नहीं खुलने की वजह से बर्बाद हो जाएंगे। यही नहीं ऐसी कई खाद्य पदार्थ यहाँ पड़े है जो इस दौरान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे। इसके अलावे बंदी के दौरान यहाँ खाद्य पदार्थ लेकर यहाँ आने वाले ट्रक खाली नहीं होने की वजह से यहाँ रुके रहेंगे। उसकी भरपाई भी व्यापारियों के सर ही आएगा।

 

 

 

 

उन्होंने बताया कि इसका खामियाजा सिर्फ व्यापारी ही नही भोगेंगे। बल्कि आने वाले दिनों में यहाँ से व्यापार नहीं होने की वजह से खुदरा बाजारों में भी खाद्य सामग्रियों का भाव बढ़ेगा। जिससे आम जनता को सामान महंगे भाव में खरीदने होंगे।

 

 

 

 

पूरे मामले को लेकर बुधवार को बाजार समिति के व्यापारियों ने जिला चेम्बर के पदाधिकारियों के साथ जाकर जिला उपायुक्त से मिल लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी यहाँ एक वैकल्पिक मार्ग देने की मांग की। व्यापारियों ने धनबाद उपायुक्त को पूरी स्थिति से भी अवगत कराया। लेकिन चुनाव आयोग से इसकी अनुमति नहीं मिलने की वजह से व्यापारियों को यहाँ न तो इस दौरान प्रवेश की अनुमति मिली और न ही कोई वैकल्पिक मार्ग दिया गया।

 

 

 

 

जिसके बाद मायूस व्यापारी बैरंग लौट आए। व्यापारियों ने बताया कि बाजार समिति दो भागों में बंटा है। यदि जिला प्रशासन ने स्ट्रांग रूम के लिए एक भाग को लिया है तो कम से कम पिछली बार (लोकसभा चुनाव) की तरह इस बार भी दूसरे भाग को खोल देना चाहिए था। जिससे व्यापारियों को इतना भारी नुकसान नहीं उठाना पड़ता। व्यापारियों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार बाजार समिति में स्ट्रांग रूम बनाने से पूर्व न तो उन्हें कोई सूचना दी गई और न ही उनके साथ बैठ कर इसपर कोई चर्चा ही की गई। उन्होंने कहा कि यदि इसपर जिला प्रशासन ने व्यापारियों से एक बार भी बैठक किया होता तो यह भीषण संकट यहाँ के व्यापारियों के सर पे नहीं आया होता।

 

 

 

 

वहीं बाजार समिति के व्यापारी आज बाजार समिति के सामने धरने पर बैठे देखे गए। उन्होंने अपनी इस हालत का जिम्मेवार यहाँ के प्रशासन को बता घंटो बाजार समिति के गेट के पास धरना दिया। बहरहाल अब देखने वाली बात यह होगी की जिला प्रशासन बाजार समिति में कोई वैकल्पिक मार्ग खोल कर व्यापारियों के सामने खड़ी संकट का निदान करती है, या फिर सुरक्षा मानकों का हवाला देकर व्यापारियों के नुकसान का मार्ग प्रसस्त करती है।

 

 

 

 

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