शपथ ग्रहण के मंच से बन सकता है आंदोलन का रोड मैप

AJ डेस्क: झारखंड की सत्ता बीजेपी के हाथों से निकल चुकी है और हेमंत सोरेन राज्य के नए सीएम हैं उनका शपथग्रहण समारोह 29 दिसंबर को होना था, यहां तक तो सामान्य था मगर अब कहा जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह को और वृहद किया जाएगा, विपक्ष के तमाम बड़े, गैर बीजेपी सीएम आदि कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए हैं।

 

 

पूर्व राष्ट्रपति और कई गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों सहित करीब 30 बड़े नेता इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध के बीच विपक्षी दल इस कार्यक्रम को अपने लिए खासा बेहतर मान रहे हैं। बताया जा रहा है कि शपथग्रहण के दौरान और इसके बाद ये नेता आगे के आंदोलन के रोड मैप पर भी चर्चा करेंगे और उसी के अनुसार इसका विरोध किया जाएगा।

 

 

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आमंत्रित अधिकांश नेताओं को व्यक्तिगत रूप से नागरिकता कानून संकट से निपटने के लिए मीटिंग के बारे  में लिखा है वहीं सूत्रों का कहना है कि वह इस शो के पीछे ममता बनर्जी का दिमाग काम कर रहा है।

 

 

इससे पहले झारखंड विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के नेता सोरेन ने अपने सहयोगी दलों कांग्रेस और राजद के नेताओं और विधायकों के साथ 24 दिसंबर की रात्रि राज्यपाल से मुलाकात कर 50 विधायकों के समर्थन से राज्य में अपनी सरकार के गठन का दावा पेश किया था। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उनके दावे के अध्ययन के बाद 25 दिसंबर को उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री मनोनीत किया था और पद की शपथ के लिए आमंत्रित करने की अधिसूचना जारी की थी।

 

 

 

 

 

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