नेशनल लोक अदालत: धनबाद में रिकॉर्ड 12 हजार 363 विवादों का निबटारा

AJ डेस्क: नालसा के निर्देश पर वर्ष 2020 के पहले नेशनल लोक अदालत में धनबाद जिला ने विवादों का निस्तातरण कर रिकॉर्ड बनाया है। शनिवार को आयोजीत नेशनल लोक अदालत मे धनबाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी के सफल निर्देशन में सर्वाधिक 12 हजार 3 सौ 63 विवादों का निपटारा किया गया। साथ इस दौरान 32 लोगों को अनुकंपा के आधार पर बीसीसीएल के द्वारा नियुक्ती पत्र भीसौंपा गया। इसके साथ ही 1 अरब 73 करोड़ 56 लाख 32 हजार 24 रूपये की रिकवरी भी हुई। वहीं 15 बेसहारा बच्चों को स्पोंसरसीप फोस्टर केयर स्कीम के तहत मिलने वाले लाभ के कागजात सौंपे गये जिसके तहत दो हजार रूपये प्रतिमाह उन बच्चों को सरकार उनके मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भुगतान करेगी।

 

 

सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी-

हमारा संविधान हर लोगों को सामाजीक, आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है। नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है। उक्त बातें शनिवार को धनबाद सिविल कोर्ट में आयोजित नेशनल लोक अदालत के उद्घाटन के मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह चेयरमैन डालसा बसंत कुमार गोस्वामी ने कही। इसके पूर्व सुबह 10ः30 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंंत कुमार गोस्वामी, उपायुक्त अमित कुमार, कुटुंब न्यायाधीश सत्य प्रकाश, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक भारत कोकिंग कोल लिमिटेड पीएम प्रसाद, डायरेक्टर तकनीकी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड आर एस महापात्रा, डिविजनल जनरल मैनेजर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अजय प्रभाकर जोशी, धनबाद बार के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी ने दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन किया। न्यायाधीश श्री गोस्वामी ने कहा कि लोक राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य जनता को त्वरित एवं कम खर्च पर न्याय दिलाना है। लोक अदालत पर लोगों का विश्वास निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है। लोगों मे प्रेम, शाति, समृद्धि और समरसता बनी रहे यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है।

 

 

भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पीएम प्रसाद ने कहा कि उन्होंनेे प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश से जमीन के संबंध में रैयतों के बीच चल रहे विवाद का भी लोक अदालत के माध्यम से सुलह करने का आग्रह किया। साथ ही कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत सहयोग प्रदान करने का भी आश्वासन दिया।

 

 

उपायुुक्त अमित कुमार ने कहा कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नेतृत्व में विभिन्न विभागों ने सामंजस्य स्थापित कर इसका सफल आयोजन किया है। राष्ट्रीय लोक अदालत में गरीबों को लाभ मिलेगा। लोग मुकदमों में उलझे रहते हैं। लोक अदालत में वादों का त्वरित निष्पादन से पक्षकारों को राहत मिलती है और समय तथा ऊर्जा की बचत होती है। गरीबों को वित्तीय नुकसान से राहत मिलती है। साथ ही सरकार के लिए राजस्व भी जनरेट होता है। सुलह और समझोता के आधार पर वादों का निष्पादन करने के लिए यह एक बेहतरीन प्लेटफार्म है।

 

 

कुटुंब न्यायाधीश सत्य प्रकाश ने कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्षकारों की दूरी कम होती है। बैंक, सिविल, पारिवारिक व अन्य मामलों का त्वरित निष्पादन होता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी ने कहा कि लोगों के हित के लिए लोक अदालत का आयोजन किया जाता है।

 

 

 

 

 

 

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