मुज्जफरपुर शेल्टर कांड: ब्रजेश को मिली उम्र कैद की सजा

AJ डेस्क: दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने मुजफ्परपुर शेल्टर होम केस के आरोपी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 20 जनवरी को कोर्ट ने ठाकुर और अन्य 18 लोगों को शेल्टर होम में कई नाबालिग लड़कियों के साथ शारीरिक और यौन शोषण के आरोप में दोषी ठहराया था।

 

 

साकेत कोर्ट ने मंगलवार को ब्रजेश ठाकुर की सजा पर फैसला सुनाया। 4 फरवरी को कोर्ट ने इस पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन दोषियों के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में नाबालिग लड़कियों के साथ शारीरिक व यौन शोषण का आरोप है। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) के वकील ने शेल्टर होम चलाने वाले एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर और अन्य आरोपियों के लिए उम्रकैद की मांग की थी। वकील ने कोर्ट से कहा था कि दोषियों को कम से कम उम्र कैद की सज दी जाए।

 

 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने ठाकुर को उसके शेष जीवन के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने ठाकुर को 20 जनवरी को पॉक्सो कानून और भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की संबंधित धाराओं के तहत बलात्कार तथा सामूहिक बलात्कार का दोषी ठहराया था।

 

 

इस मामले में कोर्ट ने एक महिला दोषी रोजी रानी जो मुजफ्फरपुर में चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट की पूर्व असिस्टेंट डायरेक्टर थीं उसे भी पॉक्सो एक्ट की संबंधित धारा के तहत दोषी ठहराया था।

 

 

महिला आरोपी शाइस्ता परवीन, इंदू कुमारी, मानू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी को आपराधिक षड़यंत्र का दोषी ठहराया गया है। इन पर बच्चियो के साथ हो रहे अत्याचार में साथ देने का और इसकी शिकायत ना करने का आरोप है।

 

 

क्या था मामला

2018 में सामने आया मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस बहद चर्चा में रहा था। बिहार से लेकर दिल्ली तक इसने सुर्खियां बटोरी थी। यह शेल्टर होम बिहार पीपुल्स पार्टी (BPP) के पूर्व विधायक बृजेश ठाकुर द्वारा संचालित था।

 

 

रिपोर्ट के मुताबिक शेल्टर होम में बच्चियों के साथ न केवल बलात्कार हुआ बल्कि यहां लड़कियां प्रेग्नेंट भी हुईं। नीतीश सरकार की मंत्री मंजू वर्मा का नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर से मंजू वर्मा के पति की जनवरी से करीब 17 बार बात हुई थी।

 

 

इसके अलावा उन पर ये भी आरोप थे कि शेल्टर होम में कई लड़कियों की मौत भी हुई थी औऱ उन्हें वहीं परिसर में दफना दिया गया था हालांकि जांच में ये बात सही नहीं साबित हुई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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