{VIDEO} रेल पुलिस का अमानवीय चेहरा, घण्टों पड़ी रही लाश, ठेला आया तो उठा शव
AJ डेस्क: बिहार पुलिस इन दिनों पुलिस सप्ताह मना रही है। पुलिस पब्लिक रिलेशनशिप पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस दौरान पुलिस का सामाजिक चेहरा पेश करने की कोशिश की जा रही हैं, लेकिन आरा जीआरपी का जो चेहरा सामने आया है वो बड़ा ही अमानवीय है।
पहले आप इस वीडियो को देखिए। यह वीडियो आरा स्टेशन का है। इस वीडियो में आप एक ठेले पर एक लाश देख पा रहे होंगे। जिसे एक नाबालिग लड़का चला कर ले जाता दिखाई दे रहा है। दरअसल यह लाश एक रेल कर्मी की ही है।
देखें वीडियो-
रेल पुलिस का अमानवीय चेहरा,घण्टों पड़ी रही लाश, ठेला आया तो उठा शव… pic.twitter.com/YUxC8IF1YL
— analjyoti.com (@AnaljyotiCom) February 24, 2020
दरअसल आरा स्टेशन के आगे जमीरा हॉल्ट के पास काम के दौरान एक रेलकर्मी की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। इस घटना की जानकारी जब उनके परिजनों को मिली तो वे भागे भागे जीआरपी थाना पहुंचे, लेकिन थाने में मौजूद विपिन सिंह नामक ओ डी ऑफिसर ने परिजनों को कहा, ‘हमारे पास शव के लिए कोई गाड़ी नहीं है। ठेला बुलवाए और ठेला आने के बाद ही लाश उठेगा।’ इसके बाद घंटो लाश उसी तरह पड़ा रहा। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था लेकिन थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों का दिल नहीं पसीजा। तभी एक ठेला लेकर एक नाबालिग वहां आया और फिर शुरू हुआ मानवता को शर्मशार करने का खेल।
अमानवीयता की हद पार करते हुए उस रेल कर्मी के शव को एक ठेले पर लादकर जीआरपी थाना के पास लाया गया। लेकिन जब थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने ऐसे कार्य के लिए कोई फंड न होने का रोना रोया और कहा, ‘हमारे पास कोई फंड नहीं है। हमारे पास कोई संसाधन नहीं है। ऐसे ही लाशों को ले जाया जाता है। जिसको जाकर कहना है कह दीजिये…।’ बता दें यह तो बस एक बानगी भर है। यहां दुर्घटना में शिकार हुए लोगों के साथ इसी तरह का अमानवीय व्यवहार किया जाता है।
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