झारखण्ड: अपहरण, गैंगरेप फिर हत्या के तीनो दोषी की सजा-ए-मौत, देखें वीडियो

AJ डेस्क: झारखंड के दुमका पोक्सो कोर्ट का गैंगरेप और हत्या के मामले में ऐतिहासिक फैसला आया है। कोर्ट ने सभी दोषियों को सजाए मौत की सजा सुनाई है। मामलें में संलिप्त तीनों दोषियों मीठू राय, पंकज मोहली और अशोक राय को फांसी की सजा सुनाई गई है। सभी आरोपियों को अपहरण, गैंगरेप और हत्या का दोषी पाया गया है। बता दें कि देश का यह पहला मामला है जिसमें महज चार दिनों में न्यायालय ने मामले का निबटारा कर फैसला सुनाया है।

 

 

प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत में 28 व 29 फरवरी को इस केश में अभियोजन की ओर से मृत बच्ची के नाना, माता-पिता, मामा-मामी, चैकीदार, राजस्व कर्मचारी, दो पुलिस पदाधिकारी और डाक्टर समेत कुल 16 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। सोमवार देर रात 10 बजे तक कोर्ट चलती रही। इस दौरान तीनो अभियुक्तों का बयान रिकॉर्ड किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा इन गवाहों का प्रति परीक्षण किया जा चुका है। सोमवार को इस केश में एफएसएल के तीन अधिकारियों, साईबर डीएसपी और केश के अनुसंधानकर्ता ओर वीडियोग्राफर की गवाही पूरी कर ली गई। इस केश में पुलिस ने 13 चार्जसीट विटनेस बनाये थे जबकि अभियोजन ने सीआरपीसी की धारा 311 के तहत दो पुलिस पदाधिकारियों का भी बयान दर्ज करवाया है।

 

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बता दें कि 5 फ़रवरी को 6 साल की मासूम बच्ची को उसका चचेरा चाचा सरस्वती पूजा का मेला दिखाने के लिए उसके ननिहाल से ले गया था और आरोप है कि मेला में बच्ची को गोलगप्पे खिलाने के बाद उसने अपने दो साथियों के साथ बच्ची से रेप व अप्राकृतिक यौनाचार करने के बाद उसका गला दबा दिया। जिससे बच्ची की मौत हो गई। दिल दहला देनेवाले इस कांड का खुलासा 7 फरवरी को तब हुआ था, जब रामगढ़ के कुसुमडीह बहियार से मासूम बच्ची का शव बरामद किया हुआ। इस मामले में पुलिस ने नामजद अभियुक्त दरिंदे मृतिका के चचेरा चाचा मीठू राय को मुम्बई से और उसके दोनों साथियों पंकज मोहली एवं अशोक राय को पोड़ैयाहाट (गोड्डा) से गिरफ्तार कर 12 फरवरी को कोर्ट में प्रस्तुत किया था।

 

 

गिरफ्तारी के 14 दिनों के अंदर ही अनुसंधानकर्ता ने तीनों अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चार्जसीट दाखिल कर दिया। विशेष न्यायाधीश तौफिकुल हसन ने 26 फरवरी को ही इस केस में संज्ञान ले लिया और 27 फरवरी को तीनों आरोपियों को इस कांड में आईपीसी की धारा 366, 376ए, 376डी, 302, 201/34 और पोस्को एक्ट की धारा 6 के तहत आरोप गठित करते हुए 28 फरवरी से इस केश का ट्रायल शुरू कर दिया। जिसके बाद सोमवार को इस मामले में गवाही एवं प्रति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई।

 

 

दोनों पक्ष ने मंगलवार को दिन के दो बजे तक बहस पूरी कर ली और उसके बाद आज यानि की मंगलवार कक (3 मार्च को) इस केश में फैसला सुना ऐतिहासिक फैसला न्यायालय द्वारा सुना दिया गया।

 

 

यह देश का सबसे तेज ट्रायल और फैसला है। इतना ही नहीं इस केश ने देश में सबसे कम समय में फांसी की सजा सुनाने का भी रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। क्योंकि इससे पूर्व सबसे कम पांच दिनों में ट्रायल पूरा कर सजा सुनाने का रिकॉर्ड यूपी के बागपत जिले का है। हलांकि उसमें फैसला छठे दिन आया था।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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