15 सितम्बर से नजरबंद फारुख अब्दुल्ला को मिलेगी आजादी

AJ डेस्क: जम्मू-कश्मीर सरकार ने नेशनल कांफ्रेस के कद्दावर नेता फारुक अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म करने का फैसला किया है। इसका अर्थ यह है कि वो अब आजाद हो जाएंगे। अब्दुल्ला को 15 सितंबर को नजरूंद किया गया था। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सरकार ने नेशनल कांफ्रेस के साथ साथ कई दलों के दिग्गजों को नजरबंद कर दिया गया था। इस संंबंध में अलग अलग दल लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे कि राज्य के कद्दावर नेताओं की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।

 

 

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सांसद सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा के एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में कहा कि हिरासत में लिए गए कुल 451 में से 396 लोगों को पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया है। जिन लोगों को पीएसए के तहत हिरासत या नजरबंद रखा गया है, उनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हैं। हालांकि अब अब्दुल्ला की नजरबंदी हटा ली गई है।

 

 

 

 

सरकार ने कहा था कि अगस्त 2019 के बाद से पत्थरबाजों, उपद्रवियों, ओवर ग्राउंड वर्कर्स (सामने रहते हुए गतिविधियों को अंजाम देना), अलगाववादियों आदि सहित 7,357 लोगों को प्रतिबंधात्मक हिरासत में लिया गया है। कश्मीर में पीएसए के तहत कुल आठ मुख्यधारा के नेताओं को हिरासत में लिया गया है। 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर 6 जनवरी को पीएसए के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद इस कड़े कानून को उपयोग तेजी से किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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