गोवा के गवर्नर मलिक ने कहा- कश्मीर के राज्यपाल सिर्फ अय्याशी ही करते हैं, देखें Video
AJ डेस्क: अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक ऐसा बयान दिया है जो उनके लिए परेशानी खड़े कर सकता है। उत्तर प्रदेश के बागपत में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल मलिक ने कहा, ‘राज्यपाल का कोई काम नहीं होता है। कश्मीर में जो गर्वनर (राज्यपाल) होता है अक्सर वो दारू पीता है और गोल्फ खेलता है। बांकि जग जो गर्वनर होते हैं वो आराम से रहते हैं, किसी झगड़े में पड़ते नहीं हैं।’
बिहार में करवाए सुधार-
सत्यपाल मलिक बिहार के भी राज्यपाल रह चुके हैं। इस सभा के दौरान अपने बिहार के राज्यपाल रहने के दौरान हुए अनुभव को साझा करते हुए मलिक ने कहा, ‘मुझे बिहार में भेजा गया। वहां कोशिश की शिक्षा में सुधार करने की। वहां ऐसे-ऐसे कॉलेज थे कि 110 कॉलेज तो केवल नेताओं के थे जिनमें एक भी अध्यापक नहीं था। बीएड का दाखिला करते थे 30 लाख रुपये देते इम्तहान देकर डिग्री दे देते थे। मैंने सारे वो कॉलेज खत्म किए।’
देखें Video-
#WATCH Goa Governor Satya Pal Malik in Baghpat: Governor ka koi kaam nahi hota. Kashmir me jo Governor hota hai aksar wo daru peeta hai aur golf khelta hai. Baki jagah jo Governor hote hain wo aaram se rehte hain, kisi jhagde me padte nahi hain. pic.twitter.com/KTPNx49Eh3
— ANI UP (@ANINewsUP) March 15, 2020
पहले भी दे चुके हैं इसी तरह का बयान-
आपको बता दें कि मलिक पहले भी कुछ इसी तरह के बयान दे चुके हैं। पिछले साल जब कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया था तो उन्होंने बयान दिया था, ‘मैं तीन हफ्ते पहले गोवा आया हूं. मैं कश्मीर से आया हूं. मैं अभी भी कश्मीर हैंगओवर से गुजर रहा हूं। मैं 370 के हटने के बाद कश्मीर के अस्पतालों में गया, कहीं कुछ नहीं हुआ। वहां के लोग मुझे बताते थे कि वह न पकिस्तान के हैं, इंडिया के। उन्हें तो मौलवी यह सिखाते थे कि मरोगे तो जन्नत मिलेगी। मैंने लोगों को समझाया, जन्नत तो कश्मीर ही है।’
अयोध्या के लिए की थी ये मांग-
मूल रूप से यूपी के बागपत के रहने वाले मलिक बागपत से विधायक रहने के अलावा दो बार राज्यसभा और एक बार लोकसभा (अलीगढ़) के सांसद भी रह चुके हैं। कुछ समय पहले मलिक ने कहा था, ‘पूरा देश अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर के निर्माण के बारे में बातें कर रहा है लेकिन किसी ने यह मांग नहीं की है कि भगवान राम के वनवास के दौरान जिन लोगों ने उनका साथ दिया उनके नाम पर भी जमीन का आवंटन होना चाहिए। मैं चाहता हूं कि लोग केवट और शबरी की मूर्तियों को राम दरबार में स्थापित करने की मांग उठाएं।’
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