झरिया के बैंकों में “सोशल डिस्टेंसिंग” फार्मूला ध्वस्त, लॉक डाउन का मतलब नहीं, देखें Video-
AJ डेस्क: कोरोना वायरस को पछाड़ उससे जंग जीतना है तो इसका सबसे बड़ा हथियार है “सोशल डिस्टेंसिंग”। शायद इसे कामयाब करने के उद्देश्य से ही सम्पूर्ण देश में ‘लॉक डाउन’ भी लगाया गया है ताकि कोरोना का चेन टूट जाए।
लॉक डाउन की अवधि में गरीब तबका के लोगों को सहयोग करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जन धन योजना के एकाउंट में पांच पांच सौ रुपए डलवाये हैं। अब उस राशि को निकालने के लिए खाता धारकों की भीड़ बैंकों पर उमड़ पड़ी है। लोगों को रूपये की जरूरत है, वह चिलचिलाती धूप में भी बैंक के सामने लम्बी कतार लगाकर खड़े रहेंगे। यहां जिला प्रशासन और बैंक प्रबंधन को सोचना होगा कि लोगों को किस तरह उनका पैसा भी मिल जाये और सोशल डिस्टेंसिंग फार्मूला भी काम करे।
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कोरोना वायरस को मात देने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग फार्मूला अपनाते हुए करोड़ों देशवासी आज लॉक डाउन बढ़ाने के पक्ष में नजर आ रहे हैं। धनबाद जिला में ही प्रशासन प्रचार प्रसार माध्यम और सजा के मार्फत लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए जागरूक कर रही है। वहीं मेन रोड पर बैंकों के सामने सोशल डिस्टेंसिंग फार्मूला की उड़ रही धज्जियां किसी को नजर नही आ रही। यहां सवाल उठने लगा है कि क्या हमारे त्याग, परिश्रम पर पानी फिर जाएगा या जिला प्रशासन और बैंक प्रबंधन कोई रास्ता ढूंढ निकलेगा।
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