“सोशल डिस्टेंसिंग” की धज्जियां उड़ा रहा नगर निगम, ट्रैक्टर पर जानवरो की तरह ठूंसे जा रहे सफाई कर्मी, देखें Video-
AJ डेस्क: पीएम मोदी हो या देश दुनिया का चिकित्सा विभाग कोरोना वायरस से बचने का बस एक ही मंत्र बार-बार दे रहे है, “सोशल डिस्टेंसिंग” का, लेकिन न जाने क्यों आम तो आम ख़ास लोगों को भी इसकी समझ नहीं आ रही। ख़ास कर वैसे लोग जो देश की आकस्मिक सेवा से जुड़े हुए है उनके द्वारा जब सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जाए वो भी आलाधिकारियों की देख रेख में तो भला किया भी क्या जा सकता है।
धनबाद नगर निगम के इस ट्रेक्टर पर ठूंस-ठूंस कर बैठाए गए ये लोग नगर निगम के सफाई कर्मी है। ये सभी लोग अपना आज का काम खत्म कर अपने घर जा रहे है। कल सुबह यह सभी सफाई कर्मचारी इसी ट्रेक्टर में इसी तरह लोड होकर पुनः आकस्मिक कार्य के लिए वापस काम पर लौटेंगे। क्योंकि इस लॉक डाउन में धनबाद की सड़कों पर वाहन नहीं चलने के कारण नगर निगम धनबाद की तरफ से इन्हें आने जाने के लिए इसी की व्यवस्था की गई है। अब भले ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती रहे लेकिन आन और जाना तो इन्हें इसी तरह से होगा।
वहीं नगर निगम के सफाई कर्मियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जाने की सूचना जब धनबाद की सड़कों पर तैनात पुलिस कर्मियों को लगी तो उन्होंने ट्रैकटर को रुकवाया और सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का शख्ती से पालन करने का निर्देश देकर उन्हें छोड़ दिया, लेकिन इस ट्रेक्टर में ठुस-ठुस कर बैठे ये सफाई कर्मी भला ऐसी हालत में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे भी तो कैसे।
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कोरोना क्या बीमारी है? यह कैसे फैलता है और इससे बचाव के क्या दिशा निर्देश सरकार और डॉक्टरों द्वारा जारी किए गए हैं? यह सवाल जब ट्रेक्टर पर सवार उन सफाई कर्मचारियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया, साहब हमें पता है कोरोना वायरस व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है, एक दूसरे से दूर रहकर ही इससे बचा जा सकता है, लेकिन हम करे भी तो क्या? हमें रोज अपने डियूटी पर आना ही है और हमारा घर इतना दूर है कि हम पैदल तो जा नहीं सकते। विभाग ने यही एक गाड़ी हमारे आने जाने के लिए मुहैया कराया है। सब कुछ जानते हुए भी मजदूरन हमें इसी गाड़ी से इसी तरह जाना पड़ता है।
अब यहाँ सवाल यह उठता है कि भला यहाँ सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां कौन उड़ा रहा है? ये सफाई कर्मी, जो सब कुछ जानते हुए भी मजबूरन जरुरी सेवा के लिए रोजाना इसी तरह से आना जाना करते है, या वो अधिकारी जो इन्हें इस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने के लिए रोजाना मजबूर कर रहे है।
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