“लॉक डाउन” कहे घर के अंदर जा, “बिजली रानी” बोले जा बाहर जा

AJ डेस्क: एक, दो, तीन या सप्ताह दिन नही बल्कि 18 दिन से कोयलांचल के लोग कोरोना महामारी और उसके रोकथाम के लिए लगे लॉक डाउन का पालन करने के लिए खुद को अपने घरों में कैद किये हुए हैं। वहीं इस अवधि बिजली रानी के नखड़ा ने लोगों पर दोहरा मार कर रखा है। शहर के रिहायसी इलाका सरायढेला से आमाघाटा तक बिजली संकट बरकरार है।

 

 

अभी कुछ दिन पहले आधी रात को बिजली गुल हो जाती है। छह घण्टे के बाद पुनः बिजली बहाल हो पाती है। शुक्रवार की सन्ध्या इस क्षेत्र में पुनः बिजली रानी गायब हो जाती है और छह घण्टे के बाद यानि देर रात बहाल हो पाती है। मजे की बात यह है कि विद्युत् आपूर्ति कहाँ से बाधित होता है। यह तय कर पाना मुश्किल का काम है। आमाघाटा सब स्टेशन सरायढेला का लोकल प्रॉब्लम होने की बात कहता है तो सरायढेला की ओर से कहा जाता है कि आमाघाटा के कारण बिजली आपूर्ति बाधित है। खैर, उपभोक्ताओं को इससे कोई मतलब भी नही, उन्हें तो बिजली संकट से निजात चाहिए।

 

 

लॉक डाउन की अवधि में लोग अपने घरों में रहें, तभी कोरोना का चेन टूट पाएगा। इसके अलावा और कोई रास्ता भी नही नजर आ रहा। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने TV पर एक से एक पुराने हिट कार्यक्रमो को फिर से चालू तो करवा दिया ताकि लोग अपने घरों में रहकर इसका आनन्द उठा सकें। लेकिन धनबाद कोयलांचल में सरकार के इस सोच पर बिजली विभाग पानी फेर रहा है। यहां बिजली की आँख मिचौली जारी है। सुबह उठते या रात में सोते वक्त कभी भी बिजली गुल हो सकती है। फिर दिन भर इसका आना जाना लगा रहता है। गर्मी के मौसम में लोग कैसे घरों में रहकर लॉक डाउन का पूर्णतः पालन कर सकते हैं। घर में रहने पर बिजली रुलाती है और बाहर निकलने पर पुलिस का डंडा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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