सफर की औपचारिकताओं से परेशान प्रवासी पैदल ही चल पड़े अपने घर की ओर
AJ डेस्क: श्रमिकों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं, पर उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। इसके लिए ऑनलाइन टिकट की अनिवार्यता से लेकर किराया, पंजीकरण सहित तमाम औपचारिकताएं हैं, जिसके कारण सभी प्रवासियों का ट्रेन से अपने घर लौट पाना संभाव नहीं हो पा रहा है। हताशा, निराशा के दौर से गुजर रहे प्रवासियों का गुस्सा प्रशासन पर फूट रहा है तो किसी को अपने हालात रोना आ रहा है।
पैदल ही निकल पड़े हैं प्रवासी-
दिल्ली में शुक्रवार की सुबह एक बार फिर प्रवासी मजदूरों की बड़ी तादाद देखी गई, जो पैदल ही बिहार, झारखंड और यूपी में अपने गांव की ओर निकल पड़े हैं। झांसी लौट रही एक महिला गांव न लौट पाने की बेबसी पर रो पड़ी। उसने बताया कि वह अपने ढ़ाई साल के बच्चे को छोड़कर यहां आई थी और अब जब वह घर लौटना चाह रही है तो उसे वहां पहुंचने का रास्ता नहीं मिल रहा है। यहां तक कि पैदल जाने से भी रोका जा रहा है।
Delhi: Migrant workers reach Delhi-Ghazipur border to return to their homes in different parts of Uttar Pradesh. One of them,Rita,says "My home is in Hardoi. My landlord has kicked me out as I couldn't pay rent. My children are young but there's no other option but to walk home." pic.twitter.com/2dPw1Gh5ZJ
— ANI (@ANI) May 15, 2020
रो पड़ी महिला-
उसने रोते हुए बताया, ‘मेरा घर झांसी में है, मेरा ढाई साल का बच्चा रो रहा और बस यही कह रहा कि मम्मी घर पर आ जाओ। हम पैदल चले जाएंगे, बस हमें रोके ना। कुछ साधन नहीं दे रहें तो पैदल तो जाने दो। यहां इंतजार करते हुए दो महीने हो गए मेरा बच्चा भूखा है वो कुछ खा नहीं रहा है।’
मेरा घर झांसी में है, मेरा ढाई साल का बच्चा रो रहा और बस यही कह रहा कि मम्मी घर पर आ जाओ।हम पैदल चले जाएंगे,बस हमें रोके ना। कुछ साधन नहीं दे रहें तो पैदल तो जाने दो।यहां इंतजार करते हुए दो महीने हो गए मेरा बच्चा भूखा है वो कुछ खा नहीं रहा है: प्रवासी मज़दूरों में एक महिला बबीता https://t.co/b8Olo8hS6v pic.twitter.com/Lvh3I86K1G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 15, 2020
नीतीश सरकार पर भड़का गुस्सा-
वहीं, बिहार के एक शख्स का गुस्सा नीतीश सरकार पर भड़क उठा। कभी मुंबई में काम करने वाले धनंजय कुमार कोई साधन नहीं मिलने के कारण ऑटो से ही बिहार के मधुबनी जिले में अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं। उनके साथ चार अन्य लोग भी हैं। सभी पांच लोग एक ही ऑटो से निकले हैं। प्रशासन के रवैये से नाराज धनंजय ने कहा, ‘मैं फूड डिलिवरी एग्जक्यूटिव के तौर पर काम करता था। मैंने दो महीने इंतजार किया। जब मुझे लगा कि नीतीश कुमार कुछ कुछ नहीं करेंगे तो मैंने इस तरह से यात्रा करने का फैसला किया।’
Lucknow: 5 persons who work in Mumbai are heading towards their village in Madhubani (Bihar) in an auto. Dhananjay Kumar says,"I work as a food delivery executive.We waited for 2 months.When we realised that Nitish Kumar won't do anything we decided to take up this journey"(14.5) pic.twitter.com/u49d4wMhbf
— ANI UP (@ANINewsUP) May 15, 2020
ऑटो ड्राइवर ने बयां की मुश्किल-
वहीं, झारखंड पहुंचने वालों की संख्या भी कम नहीं है। महाराष्ट्र से कई ऑटो ड्राइवर अपने परिवार के साथ झारखंड और अन्य राज्यों के लिए निकले हैं। ऐसे ही एक ऑटो ड्राइवर ने बताया, ‘पिछले ढाई महीने से मेरे पास कोई काम नहीं है। मेरे लिए पैसे के बगैर गुजारा कर पाना मुश्किल हो गया था। इसलिए मैं अपने परिवार के साथ झारखंड में रांची अपने घर लौट रहा हूं।’
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