“माननीय” सांसद व विधायकों के 4 हजार से अधिक मामले लम्बित, SC ने जताई नाराजगी

AJ डेस्क: सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि देश में 4000 से भी ज्यादा मामले लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह आश्चर्यजनक है कि 36 साल से भी ज्यादा समय से मामला लंबित है। कोर्ट ने कहा कि अभियोग चलाने वालों की नाकामी है कि मामले इतने समय तक लंबित हो रहे हैं। सुनवाई इसको लेकर थी कि क्या ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बनाई जाए. इसपर कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगी।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के वकील पर नाराजगी जाहिर की। कहा कि इतने लंबे समय से मामला क्यों लंबित है। कोर्ट ने कहा, ‘1983 से मामला लंबित है और आप लोगों को पता नहीं। आखिर कौन जिम्मेदार होगा इसके लिए।’ सुप्रीम कोर्ट ने इसपर वकील से अगली सुनवाई में स्पष्टीकरण मांगा है।

देशभर में 4000 से ज्यादा मामले लंबित-

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह चौंकाने वाली बात है कि सांसदों, विधायकों के‌ खिलाफ देश में 4000 से भी ज्यादा मामले लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह भी आश्चर्यजनक है कि 36 साल से भी ज्यादा समय से मामला लंबित है। कोर्ट ने इसे अभियोग चलाने वालों की नाकामी कहा।

इसपर अदालत के सहायक (एमाइकस क्यूरे) विजय हंसारिया ने सुझाव दिया कि सांसदों/विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों में स्थगन विशेष परिस्थितियों से इतर नहीं दिया जाए। हाईकोर्ट निचली अदालतों के इसके प्रावधान तय करे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए गवाह संरक्षण के फैसले को तत्काल सभी राज्यों में लागू किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा इन अदालतों (विशेष अदालतों) में नियुक्ति समेत अन्य व्यवस्था कि जिम्मेदारी हाईकोर्ट निभाएगा। इसपर एमाइकस क्यूरे ने कहा कि अदालतों का गठन समस्या नहीं है। जरूरत है कि ट्रायल तेजी से और निर्धारित समय में निपटे। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभियोग चलाने वालों के लिए भी इस संबंध में निर्देश देने कि जरूरत है, ताकि उनकी वजह से मामला लंबा नहीं चले।

 

 

 

 

 

 

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