{VIDEO} झारखण्ड का पहला वीडियो गेम “सेना” बालाकोट प्रकरण की याद ताजा करा गया

AJ डेस्क: कोरोना काल में लाॅक डाउन की आपदा को अवसर में बदलने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील से प्रेरित झारखंड के होनहार इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं ने भारतीय संस्कृति व सेना को समर्पित झारखंड का पहला वीडियो गेम बनाया है। देश की कोयला राजधानी के नाम से मशहूर धनबाद जिला के पुटकी बलिहारी निवासी बीटेक का छात्र दीपेश गौरव ने अपने पंद्रह सदस्यीय टीम के साथ मिलकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक और कैप्टन अभिनंदन के साहसिक कारनामों को वीडियो गेम में तब्दील कर दिया है। जिसकी चर्चा अब पूरे देश में हो रही है।

 

 

कोरोना काल में एक ओर जहां पूरे विश्व के साथ साथ अपना देश भारत भी इस आपदा से जूझ रहा है वहीं पीएम मोदी के मार्गदर्शन से प्रेरित कुछ ऐसे युवा भी हैं जो इस आपदा को अवसर में बदल अपना और अपने परिजनों के साथ साथ पूरे देश का नाम रोशन करने में जुटे हैं। ऐसा ही एक युवक है दीपेश गौरव। जो बीटेक का छात्र है और भुवनेश्वर में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा था, लेकिन लाॅकडाउन के कारण उसे अपनी पढ़ाई को स्थगित कर अपने घर लौटना पड़ा। इसी बीच चीन की गंदी सोच को भांपते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश वासियों को लोकल फोर भोकल का नारा दिया। पीएम के उस आह्वान का दीपेश पर काफी गहरा असर पड़ा। 30 अगस्त को पीएम मोदी ने चीन के पबजी गेम को प्रतिबंधित करते हुए युवाओं से भारतीय संस्कृति और सेना को समर्पित करते हुए वीडियो गेम बनाने की अपील की। पीएम के अपील का असर दीपेश पर पड़ा और बचपन से उसकी गेम बनाने की इच्छा को परवान मिल गया। उसने राज्य के ही अलग अलग क्षेत्रों में रहने वाले पंद्रह बीटेक के छात्र-छात्राओं से संपर्क साधा और फिर अपने अभियान में जुट गया। इस क्रम में अड़चनें भी आईं लेकिन उन्होंने देश विदेश के विशेषज्ञों से सलाह लेकर इस वीडियो को बनाने में सफलता हासिल की।

 

 

पहला झारखंडी वीडियो गेम को तैयार करने वाले दीपेश गौरव के अनुसार स्ट्राइक एंड एनकाउंटर फोर नेशन बॉय अभिनंदन अर्थात सेना नाम से इस वीडियो गेम की कहानी में थोड़ी तब्दीली की गई है। इसमें कैप्टन अभिनंदन पाकिस्तानी सेना के कब्जे में नहीं आते हैं, बल्कि उनके कैंप में घुसकर उनका सफाया करते हुए भारतीय दस्तावेज लेकर वापस लौटते हैं। दीपेश के अनुसार फिलहाल अभी यह गेम एक ही लोग खेल सकते हैं लेकिन उनकी इच्छा है कि जल्द ही उनका यह गेम एनड्रोइड पर आये, ताकि कई लोग इसका आनंद ले सके।

 

 

उन्होंने बताया कि इस गेम को लांच करने के लिये उन लोगों ने एक अक्टूबर की तिथि सोच रखी है और इसके लिये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों से इसका शुभारंभ कराने का सोचा है। दीपेश ने सरकार से अपील की है कि इसे स्टार्टअप की तरह प्रोत्साहन दे, ताकि वे सभी इसमें आगे और काम कर सकें। उन्होंने बताया कि लांच होने के बाद लोग इसे निःशुल्क गौरवगो टेक्नोलॉजीज के वेबसाइट से आसानी से डाउनलोड कर सकेंगें।

 

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वहीं दीपेश के इस कामयाबी से न सिर्फ उसके परिजन बल्कि उसके घर के आस पास के लोग भी काफी उत्साहित हैं। दीपेश गौरव के पिता गोपाल प्रसाद के अनुसार पहले वह अपने बेटे के दिन रात वीडियो गेम में लगे रहने से काफी नाराज होते थे। लेकिन प्रधानमंत्री के आह्वान को देखते हुए अपने बेटे की इस उपलब्धि पर अब उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा है कि सरकार इन बच्चों की प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिये मदद करे, ताकि ये लोग इस क्षेत्र में अपना और देश का नाम रोशन कर सके।

 

 

दीपेश की इस कामयाबी ने बच्चों के समक्ष वीडियो गेम को एक नये रुप में प्रस्तुत किया है। जिसके माध्यम से न सिर्फ बच्चे अपना मनोरंजन करेंगे बल्कि उनके अंदर देशभक्ति की भावना भी जागृत होगी। वहीं दूसरी ओर कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदलने वालों में गौरव व उसकी टीम ने डिप्रेशन में जा रहे युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी बने है।

 

रिपोर्ट- राहुल कुमार झा

 

 

 

 

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