जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, रिम्स प्रबंधन को जल्दबाजी क्यों थी- कोर्ट

AJ डेस्क: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि रिम्स प्रबंधन को इतनी जल्दी क्या थी, जो लालू को सीधे निदेशक बंगले में शिफ्ट कर दिया गया। रिम्स प्रबंधन जेल अथॉरिटी को इस संबंध में जानकारी देता तो वे लालू प्रसाद को शिफ्ट करने के लिए उचित जगह का चयन करते।

 

 

इससे पूर्व आइजी जेल और एसएसपी की ओर से रिपोर्ट अदालत में दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते रिम्स प्रबंधन ने लालू प्रसाद को रिम्‍स निदेशक के बंगले में शिफ्ट किया। इस पर अदालत ने मौखिक रूप से अपनी टिप्पणी की।

 

 

इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में मौखिक रूप से कहा कि सरकार नियम कानून से चलती है, व्यक्ति विशेष से नहीं। सरकार के तरफ से दलित दी गई कि जेल मैनुअल को अपडेट किया जा रहा है और उसी के तहत कैदियों के बाहर इलाज के दौरान सुरक्षा को देखते हुए एसओपी भी तैयार की जा रही है। अदालत ने 22 जनवरी तक अपडेटेड रिपोर्ट जेल आइजी और रिम्स प्रबंधन से मांगा है।

 

 

बात दें कि चारा घोटाला के चार मामलों में सजा काट रहे लालू प्रसाद रिम्‍स में भर्ती हैं। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि लालू प्रसाद यादव को किसके आदेश से रिम्‍स, रांची के पेईंग वार्ड से निदेशक बंगला और वहां से फिर पेइंग वार्ड लाया गया।

 

 

 

 

 

 

 

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