पत्रकार के खिलाफ हुए FIR की जांच की मांग, पाथरडीह पुलिस पर उठ रहे सवाल

AJ डेस्क: कोरोना काल के इस मुश्किल वक्त में देश के जमीनी पत्रकारों ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक फ्रंटलाइन वारियर की तरह अपनी सेवाएं देते हुए हर वो खबर जो देश को जानना जरूरी था उसे जन मानस तक पहुंचाया। इस दौरान इन पत्रकारों ने जब भी जरूरत पड़ी तब तब आगे आकर समाज और प्रशासन की भी मदद की। ऐसे में किसी पुलिस अधिकारी का आपसी द्वेष की वजह से किसी पत्रकार पर फर्जी मुकदमा दर्ज करा देना सिर्फ और सिर्फ अपने पद और पावर का दुरुपयोग दर्शाता है।

 

 

ऐसा ही एक मामला झरिया के पाथरडीह थाने से सामने आया हैं। जहां थाना प्रभारी उमेश माजी के द्वारा आपसी द्वैस की वजह से एक चैनल के पत्रकार अमीत कुमार सिंह पर हरिजन एक्ट का सहारा लेकर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया, ताकि पत्रकार परेशान होकर उनके शिकंजे में आ जाएं और वों अपनी मनमानी कर सकें।

 

 

बतातें चलें की इस मामलें कों पाथरडीह थाना में दर्ज कराने के लिये प्रदीप कुमार हाड़ी के द्वारा भद्दि गालियां देने व रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए आवेदन दिया गया है। जिसके आधार पर उक्त पत्रकार के खिलाफ धारा 385/504/506/34 एससी/एसटी यानि हरिजन एक्ट के तहत तीन लोगों के खिलाफ जिनमें अमित कुमार सिंह के अलावा राजकुमार सिंह व सुदर्शन ओझा का नाम भी शामिल है एफआईआर दर्ज किया गया है। आवेदन मिलते ही बिना जांच किए थाना प्रभारी द्वारा आनन फानन में मामला दर्ज कर लिया गया और अनुसंधान के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी को भी सुपुर्द कर दिया गया जो चौकाने वाला हैं।

 

 

दरअसल कुछ दिन पहले पत्रकार अमित ने कुछ खबरें चलाई थी। जिसका सीधा संबंध सुदामडीह थाना और गौशाला ओपी से था। खबर चलने के बाद थाना प्रभारी द्वारा अमित को उनके द्वारा बताए जा रहे रास्ते पर आने कों लेकर समझाया गया लेकिन जब अमीत ने उनकी बात मनाने से इनकार कर दिया तब उस पर नकेल कसने के लिये एक षड्यंत्र के तहत किसी दुसरे से फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया।

 

 

इस बीच पत्रकार अमित सिंह ने मांग करतें हुऐ पुलिस के वरीय अधिकारियों से मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

 

 

मुकदमा दर्ज होने के बाद धनबाद के पत्रकारों ने भी इस मामलें कों गंभीरता से लिया है और वरिय पुलिस अधिकारियों से निर्दोष पत्रकार अमित कुमार सिंह को झूठे मामले में फंसाने की घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

 

 

 

 

 

 

 

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