बिजली संकट : उद्योग व्यापार ध्वस्त, जनता कर रही त्राहि त्राहि, रोटेशन पर आमाघाटा दे रहा बिजली

AJ डेस्क: कोयलांचल के लोगों को एक सुनहरा सपना दिखाया गया था और करोड़ों रुपये खर्च कर कांड्रा में पावर स्टेशन बनवाया गया था। कहा गया था ‘नेशनल ग्रिड’ से जुड़ जाने के बाद कोयलांचल वासियों को 21 से 22 घण्टे निर्बाध बिजली मिलेगी। यह सपना चकनाचूर हो गया। स्थिति यह है कि “राशन प्रणाली” से लोगों को बिजली मिल पा रही है।

 

 

आमाघाटा सब स्टेशन से जुड़े गोबिंदपुर, कांड्रा, बरवा अड्डा, टुंडी और धनबाद वन व टू फीडर क्षेत्र के बिजली उपभोक्ता त्राहि त्राहि कर रहे हैं। पिछले तीन चार दिनों से इन क्षेत्रों में रोटेशन के आधार पर बिजली की आपूर्ति हो रही है। सुबह सुबह जब लोग जगते हैं तो पाते हैं कि बिजली नही है। वही दशा रात की है। जब सोने का समय होता है तो बिजली रानी नदारद होती है। तातपर्य यह कि बिजली आयी कि नही उसके जाने का भी समय हो जाता है। आम उपभोक्ता बिजली संकट से त्रस्त हैं।

 

 

वहीं कल कारखाने, छोटे बड़े कारोबारी अभी अभी लॉक डाउन से मुक्ति पाए हैं और बिजली संकट से घिर गए हैं। दिन हो या शाम फिर रात की बात करें। बिजली का आना जाना जारी है। व्यापारी इस अभूतपूर्व बिजली संकट से खासा परेशान हैं।

 

 

बिजली विभाग के सूत्रों ने बताया कि उन्हें 22 से 25 मेगावाट बिजली चाहिए लेकिन नेशनल ग्रिड से उन्हें 12 मेगावाट बिजली मिल पा रहा है। इस वजह से हर क्षेत्र को रोटेशन के आधार पर बिजली दी जा रही है। यानि एक एक घण्टा पर बिजली आपूर्ति हो पा रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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