हाय रे : “कहीं पे निगाहें-कहीं पे निशाना”, वोट जो न करवाए

रिपोर्ट- अरुण कुमार तिवारी

 

AJ डेस्क: पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल और भाजपा नेत्री की भेंट हुई। भेंट राह चलते नही, बल्कि दरबार मे हुई। अब इसे औपचारिक भेंट कहा जाए या कुछ और —-। भीतरखाने में तो यही चर्चा है कि नगर निगम का चुनाव होने वाला है। इस तरह की और भी कई भेंट मुलाकात होंगे। निगाहें कहीं और होंगी, निशाना कहीं और—।

 

 

धनबाद में नगर निगम का चुनाव होना है। मेयर पद OBC के लिए रिजर्व हो चुका है। पूर्व मेयर श्री अग्रवाल इस बार भी चुनावी समर में कूद सकते हैं। सोमवार को श्री अग्रवाल सिंह मेंशन पहुंचते हैं। मेंशन में वह भाजपा नेत्री रागिनी सिंह से मिलते हैं। दोनों ही भाजपा से जुड़े हैं तो इनकी मुलाकात यूं तो कोई खास मायने नही रखती लेकिन कोयलांचल की राजनीतिक फिजा में इस मुलाकात को निकाय चुनाव के साथ जोड़कर सभी अपने अपने सोच के अनुसार मायने निकाल रहे हैं।

 

 

पिछले निकाय चुनाव के वक्त बन बिगड़ रहे समीकरण, फिर समर्थन और उसके बाद एक मामले में संजीव सिंह का उस वक्त जेल जाना, जब वह सत्ताधारी पार्टी के विधायक भी थे। सभी वाक्या को मिला जुलाकर अब नए सिरे से चर्चा शुरू हो गयी है।

 

 

राजनीति में सब जायज है तो अभी भी जो हो रहा है, वह भी जायज है। हो सकता है औपचारिकता औपचारिकता का खेल जारी हो। अब तो आने वाला समय ही बताएगा कि ऊंट किस करवट बैठता है। तभी तो कहा जा रहा है। कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना—।

 

 

अब इस मुलाकात के मायने जो भी हों। चुनावी मौसम में कई दृश्य बनेंगे और देखने को मिलेंगे भी। लेकिन जनता है भाई, वह तो अपने हिसाब से अब मायने निकालेगी ही। अनल ज्योति भी जन चर्चा को अपने पाठक तक पहुंचाते रहने का भरसक प्रयास करता रहेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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