चलो लुका छुपी खेलें : कौन है निशांत और यादव जी, झरिया में चला रहे कोयला खदान

AJ डेस्क: अभी हाल ही में धनबाद के उपायुक्त ने खनन से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक कर किसी तरह के खनिज पदार्थ का अवैध कारोबार नही होने देने का सख्त निर्देश दिया था। ठीक उसी वक्त कोयलांचल के अनेकों क्षेत्र में धड़ल्ले से कोयला का अवैध उत्खनन शुरू हो गया।

 

 

अवैध कोयला कारोबार जगत के कुख्यात न सिर्फ गोलबंद हो गए हैं बल्कि अचानक रेस भी हो गए हैं। पहले गोबिंदपुर क्षेत्र के लाल बंगला-आमाघाटा में धड़ल्ले से कोयला का अवैध कारोबार करने वाला कोई निशांत इस बार अपना ठिकाना बदल चुका है। एक नया सिंडिकेट बनाकर वह झरिया कोयलांचल के बोर्रागढ़, लोदना आदि क्षेत्र में धड़ल्ले से कोयले का अवैध खनन करा रहा है। कोयले का यह अवैध कारोबारी बड़े ही शान से डंके की चोट पर कहता है कि धनबाद मुख्यालय से लेकर राजधानी तक का आशीर्वाद उसे मिला हुआ है। क्षेत्र के एक नए दबंग नेता का भी आशीर्वाद प्राप्त होने की बात कही जा रही है। कुछ कलम के कथित सिपाही जो पहले भी इनका अघोषित पार्टनर रह चुका है, वह पूरे खबरी दुनिया को मैनेज करने का ठेका ले चुका है। यदि क्षेत्र के खाकी वालों को इस बात की जानकारी नही है तो उनकी सूचना तंत्र पर सवालिया निशान लगता है और नही तो दोनों के बीच मधुर सम्बन्ध हैं। तभी ट्रक का ट्रक दो नम्बरी कोयला निकल पा रहा है।

 

 

चिनकोठी और बालुगड्डा तो वर्षों से अवैध खनन क्षेत्र के लिए विख्यात रहा है। इस क्षेत्र की गणित भी अजीब है।यहां प्रायः “यादव” जी का ही तूती बोलता है। बीच मे स्थानीय कतिपय अधिकारियों का आशीर्वाद पाकर किसी चौहान ने चिनकोठी और बलुगड्डा में घुसपैठ किया था। अब इस बार दृश्य बदला है। “यादव जी” अपने पुराने क्षेत्र में पुनः लौट आए हैं। चीन कोठी, बालुगड्डा और पहाड़ी क्षेत्र में काम करने के लिए वहां के अलग अलग सिंह बंधुओ को भी चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है। सिंह बंधुओं का क्लियरेंस मिलने के बाद ही खेल शुरू होता है। खैर, यादव जी को इसमें महारथ हासिल है। उन्हें स्थानीय क्लियरेंस मिल चुका है। बस, एक और सुरक्षा एजेंसी को लाइनअप करना बाकि है, उसके बाद मशीन लगाकर काम मे तेजी लाने की योजना को मूर्त रूप देने का अंतिम प्रयास जारी है।

 

 

यूं तो कहा जाता है कि खाकी वाले न चाहें तो क्षेत्र में पता तक नही हिल सकता। कोयलांचल में “लुका छिपी” का खेल खूब खेला जाता है। अवैध कारोबारी चढ़ावा चढ़ा कर ही बड़े पैमाने पर काम शुरू करते हैं। लेकिन जब ज्यादा बदनामी होने लगती है तो सुरक्षा एजेंसी वाले एकाध बार रेड मारकर जनता का “आई वास” कर देते हैं।

 

 

गोलमारा में ही ऐसे ही थोड़ी न धड़ल्ले से अवैध कोयला का काम चल रहा था लेकिन शुक्रवार को वहां पुलिस का रेड पड़ा। कोयला जब्त भी हुआ। समाचार की सुर्खियों में छपा भी। जानकार कहते हैं कि कुछ दिनों की चुप्पी के बाद फिर से वहां काम शुरू होगा और नुकसान की भरपाई भी होगी। लुका छिपी का खेल जारी रहेगा।

जारी है………

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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