मेयर का चुनाव दलगत नहीं, जनता नहीं पार्षद चुनेंगे डिप्टी मेयर

AJ डेस्क: झारखंड में अब निकायों में मेयर का चुनाव दलगत आधार पर नहीं होगा। डिप्टी मेयर का चुनाव भी सीधे नहीं होगा। निर्वाचित वार्ड सदस्य अपने बीच से डिप्टी मेयर चुनेंगे। झारखंड मंत्रिपरिषद की बैठक में मंगलवार को इसकी स्‍वीकृति दी गई। राज्‍य के नगर निगम में प्रोपर्टी टैक्स की गणना का तरीका बदला गया है। अब सर्कल रेट के आधार पर इसकी गणना होगी। कैबिनेट में 24 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है।

 

 

झारखंड सरकार ने कैबिनेट में सबसे महत्वपूर्ण झारखंड नगरपालिका संशोधन विधेयक 2021 को लागू करने को मंजूरी दी है। इसके तहत प्रोपर्टी टैक्स की वसूली सर्किल रेट से करने को मंजूरी दी गयी। इसके अलावा यह भी तय किया गया कि दलगत आधार पर नगर निकाय चुनाव नहीं कराया जायेगा। यानी किसी भी राजनीतिक दल के नाम पर नगर निकाय का चुनाव नहीं होगा। नगर विकास विभाग की ओर से बताया गया है कि नगरपालिका अधिनियम 2011 के तहत मेयर, डिप्टी मेयर और उपाध्यक्ष का चुनाव दलीय आधार पर हो रहा है, लेकिन क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों की आपसी प्रतियोगिता के कारण लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति नहीं हो पाती है, इस कारण स्थानीय जनप्रतिनिधियों के निर्वाचन का आधार स्थानीय ही होगा।

 

 

नगर पालिका के नये संशोधन में सरकार के पास मेयर और अध्यक्ष को हटाने का पावर होगा। अगर कोई मेयर या निकाय अध्यक्ष लगातार बिना पर्याप्त कारण के तीन बैठक में नहीं जाते है तो उसे सरकार हटा सकती है। अपने कर्तव्य में गलती करने के कारण या आपराधिक मामलों में संलिप्त होने या अध्यक्ष या मेयर 6 माह से ज्यादा फरार हो तो उनको शो कॉज के बाद सरकार चाहे तो पद से हटा सकती है। हटाये गये मेयर और अध्यक्ष मध्यावदि चुनाव में भाग नहीं ले सकते है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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