“चंदन” की महक कोयलांचल से हुई “गायब”, करोड़ों का लगा चूना

AJ डेस्क: जी टी रोड पर बना था बसेरा। कोयलांचल के चप्पे चप्पे पर थी चौकस नजर। धनबाद से राजधानी रांची तक सत्ता के गलियारे तक गहरी पैठ की धौंस। अवैध कोयला का कारोबार करने का सौदा, पेमेंट और फिर ग्रीन सिंग्नल तक की व्यवस्था। काले हीरे के अवैध कारोबार जगत में ‘चंदन’ ने खूब ‘महक या दुर्गंध’ फैलाया और अब अचानक उसके कोयलांचल से गायब हो जाने की सूचना अवैध कारोबार जगत में फैल रही है। लेकिन सेटिंग गेटिंग के सिंडिकेट में शामिल एक वर्दी वाले अधिकारी अभी भी ‘जंगल में मंगल’ कर रहे हैं।

 

 

कोयलांचल से चंदन के अचानक गायब हो जाने के अलग अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं। छन छन कर मिल रही सूचना के मुताबिक चंदन ने अवैध कारोबारियों को दस करोड़ से अधिक का चूना लगाया है। चंदन डंके की चोट पर कहता फिरता था कि जिला से लेकर राजधानी रांची तक ‘आल इज वेल’। लेकिन यह क्या फल फूल रहे अवैध कारोबार पर अचानक CID का ग्रहण लग जाता है। CID ग्रहण क्या लगता है कि चंदन गायब। अवैध कारोबारी पैसा डूबने और CID रिपोर्ट की दोहरी मार से अलग परेशान। अब नए तरीके से रास्ता निकालने की माथापच्ची।

 

 

जानकार कहते हैं कि जिला के ‘जंगल’ मे ‘मंगल ही मंगल’ मना रहे एक अधिकारी की भी सिंडिकेट में अहम भूमिका रही है। इस अधिकारी ने तो अपने बुद्धि विवेक से जंगल मे होते हुए भी खूब मंगल मनाया। अब चंदन के गायब होने पर इस अधिकारी के ललाट पर चिंता की लकीरें खींच गयी है।

 

 

“एक छोटे से ब्रेक के बाद—-“। देखते रहें आगे का एपिसोड।अब नई व्यवस्था, नए कलेवर, नई रणनीति के साथ पुरानी गलतियों में सुधार करते हुए नए तरीके से पुनः कारोबार करने की रणनीति अवैध कारोबारी बना रहे हैं। देखना यह है कि CID रिपोर्ट, जांच का आदेश, जन जन के बीच हो रही अवैध कारोबार की चर्चा कोयला चोरों की रणनीति को कहां तक सफल होने देता है।

 

 

फिलहाल तो ‘राय-पांडे’ की जोड़ी हो या रमेश और रबिश का जलवा। निशांत, मुकेश, शैलेन्द्र, मुन्ना, संतोष, जैन, यादव, करपुरियास, रोहित या पाठक सभी के माथे पर CID रिपोर्ट का बहुत कथक नृत्य कर रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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