कोयला के अवैध कारोबार से खूब नाम हो रहा ‘कीचड़’ में खिले फूल का
AJ डेस्क: कोयलांचल की राजनीति में गहरी पैठ और मजबूत पकड़ रखने वाली ‘फूल’ वाली पार्टी का नाम एक अवैध कोयला कारोबारी के कारण खूब सुर्खियां बटोर रहा है।
कोयला के अवैध कारोबार में दशकों से पताका फहराने वाले शख्स ने तब इस पार्टी का दामन थामा था जब उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज हो गयी थी और यह पार्टी उस वक्त सत्ता में थी। उस वक्त भी इस बात की जोरदार चर्चा चली थी कि पैसे के बल पर सत्ता की छांव में आकर वह अपने लिए सुरक्षा कवच का इंतजाम कर रहा है।
कीचड़ में खिलने वाली फूल की पार्टी के जिला के कप्तान तो मानो यूं फुले नही समा रहे थे कि उन्होंने कद्दावर नेता और साफ सुथरे छवि वाले शख्स को पार्टी में शामिल करा दिया है। पार्टी के ही अधिकांश नेता और कार्यकर्ता दबी जुबान संगठन के इस निर्णय का विरोध भी कर रहे थे और मीडिया ने तो खुलमखुल्ला बहुत कुछ लिख भी दिया था।
‘राजनीति’ में सब जायज है। इसमें जन बल की जरूरत पड़ती है तो धन बल की भी आवश्यकता है। यह तो मालूम नही कि अवैध कारोबारी के राजनीतिक लबादा ओढ़ने के बाद फूल को धन बल और जन बल का कितना स्पोट मिला लेकिन पार्टी के कोयलांचल में पितामह कहे जाने वाले के प्रिय कप्तान को लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलने की चर्चा जरूर हुई। अब अनुशासित कहे जाने वाली इस पार्टी की इस अवैध कारोबारी सह नेता के कारण छीछालेदर जरूर हो रही है।