विवाद : रांची ATS की टीम ने तेतुलमारी में मारा रेड, गृहस्वामी ने कहा- कार्रवाई गलत
AJ डेस्क: टंडवा थाना में दर्ज कांड संख्या 132/21 रंगदारी मामले में मंगलवार को एटीएस रांची की टीम ने धनबाद के तेतुलमारी थाना अंतर्गत जिरोसिम (बाबा चौक) निवासी रामजीत सिंह के घर पर छापेमारी की। छापेमारी दल के अधिकारी प्रकाश सोय ने बताया कि यह कार्रवाई टंडवा में दर्ज मामले में मिले लिंक के आधार पर कार्रवाई की गई है। साथ ही परिवार वालों को जब्ती सूचि सौपी गई है।
छापेमारी दल का नेतृत्व कर रहे डीएसपी प्रकाश सोय ने बताया कि यह कार्रवाई मिले सूचना व लिंक के आधार पर की गई है। छापेमारी दल में एटीएस के सकिर अंसारी, झारखंड जगुवार के डीएसपी विमल लकड़ा, गन्दा उरांव, जैप व झारखंड पुलिस के जवान सहित तेतुलमारी थाना प्रभारी मनीष कुमार, पुअनि नीलेश कुमार और संजीव कुमार सिंह शामिल थे।
टीम ने इस दौरान गजलीटांड कालोनी स्थित सुनील पासी के आवास में भी छापेमारी की। इस कार्रवाई के बाद आरोपित युवक के पिता रामजीत सिंह, माँ ललीता सिंह, परशुराम सिंह, पप्पू सिंह व अवधेश सिंह ने प्रेस को संयुक्त रूप से कहा कि बिना सूचना व सर्च वारंट के पुलिस ने 3 से 4 घंटे तक सर्च अभियान चलाती रही और जाते जाते लिखित जब्ती सूचि थमा गई। जिसमें जब्ती शून्य पाया गया।
उन्होंने कहा कि मेरा पुत्र अभिजीत सिंह 26 मई से जेल में है। लातेहार पुलिस ने अभिजीत उर्फ संटी सिंह को मयंक सिंह बनाने के लिये परिवार वालों के ऊपर दबाब बना रही है। मेरे पुत्र को 27 मई को लातेहार पुलिस ले गयी थी। जबकि आज की कार्रवाई 30 अगस्त 21 को टंडवा थाना में दर्ज मामले में हुईं। उन्होंने कहा पुलिस जानबूझ कर मेरे परिवार को बार बार प्रताड़ित कर रही है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने पूर्व में भी कांड 80/21 में अप्राथमिकी अभियुक्त बनाकर ले गयी है। श्री सिंह ने कहा कि पुलिस मेरे पुत्र अभिजीत सिंह को सरकारी गवाह बनाने के लिये तत्कालीन एस पी प्रशांत आनंद व थाना प्रभारी श्री गुप्ता ने मुझ पर दबाब बनाया।
रामजीत सिंह ने कहा कि सरायढेला कांड 4/21 में न्यायालय में बंदी प्रमाण पत्र के आलोक में एसएसपी धनबाद 27/8 को जबाब मांगा गया है। मेरा पुत्र अभिजीत सिंह मयंक सिंह नही है। छापेमारी के दौरान मेरी पत्नी घर मे अकेली थी। बिना सर्च वारंट के कार्रवाई करना गलत है।
