बारिश का कहर : कोयलांचल में घरों, दुकान, खदान में घुसा पानी, सड़क डूबे, बिजली नदारद

AJ डेस्क: बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर के कारण झारखण्ड में बदले मौसम ने सभी व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दिया है। कोयलांचल में पिछले 30 घंटो से हो रही मूसलाधार बारिश ने धनबाद जिला के हर कोने को बुरी तरह से प्रभावित किया है। बारिश का पानी धनबाद की सड़कों से लेकर लोगों की घरों और कोयला खदानों तक में प्रवेश कर गया है। जिससे कोयलांचल का जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।

 

 

 

 

 

चक्रवात तूफान के कारण हो रही बारिश से पूरे धनबाद का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। झरिया के भागा गाड़ीवान पट्टी स्थित बैजनाथ राम का पीडीएस बिक्री केंद्र और घर बारिश के कारण बीती रात ढह गया। जिससे वहां रखा जनवितरण का चावल, गेंहू, नमक सहित सभी खाद्य सामाग्री पानी में बह गया। नाले का पानी बाढ़ की तरह दुकान और घर में घुस गया जिससे पूरा घर जलमग्न हो गया। घर और दुकान के ढहने की आवाज सुनकर आसपास के लोग पहुंचे तब तक पीडीएस का राशन बोरी सहित नाले में बह चुका था। स्थानीय लोगों की ततपरता के कारण घर के लोगों की जान बच गई। कुछ ऐसा ही हाल शहर के भूली नगर स्थित आजाद नगर, लोयाबाद थाना क्षेत्र आदि जगहों पर देखने को मिल रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

कतरीनदी का जल स्तर बढ़ने से आसपास के इलाकों में बढ़ा खतरा-

चक्रवात तूफान के कारण पिछले 30 घंटो से हो रही लगातार बारिश व तेज हवाओं के कारण कतरास कोयलांचल का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। कतरी नदी वर्षों बाद फिर से रौद्र रूप धारण कर चुकी है। पिछले 25 वर्षो के बाद दूसरी बार सितंबर माह में इतनी बारिश हो रही है। इस बारिश नें एक बार फिर से 26 सितंबर 1995 की रात हुई गजलीटांड खान हादसे की याद ताजा कर दी है। इस आफत भरी बारिश से लोगो का हाल बेहाल हो गया है। कतरी नदी में लागातार पानी के बढ़ जाने से नदी के निचले इलाकों में पानी घरों में घुस रहा है। कतरास के सभी गली-मोहल्ले व सड़को पर लबालब पानी भर गया है। पूरा शहर ब्लैक आउट है। तेज हवाओं के कारण रेलवे मैदान में सब्जी दुकानदारों के बाँस बल्ली व प्लास्टिक सब टूटकर बिखेर पड़े है। बारिश के कारण सब्जी भी नही मंगाई गई। जिस कारण होलसेल सब्जी की दुकानें बंद रही। राजगंज रोड स्थित सब्जी मंडी की सड़कों पर घुटनों के ऊपर तक पानी भारी है। नाली का गंदा पानी लोगो के घरों में रहा है। बीसीसीएल के कई कोलियरी में उत्पादन ठप पड़ा है। बारिश के कारण कतरास थाना की स्थिति भी काफी खराब है। कतरास थाना परिसर बैरक गार्ड रूम में घुटनों तक पानी भरा हुआ है। थाना की इमारत भी काफी कमजोर है। कभी भी आप्रियकर घटना घट सजती है। थाना का सिरिस्ता, बैरक, हवालात व पुलिस अधिकारियों का आवास में पानी का रिसाव होने से पुलिस पदाधिकारियों का भी बुरा हाल है।

 

 

 

 

 

 

बीसीसीएल के केशलपुर खदान में घुसा नदी का पानी-

चक्रवाती तूफान का असर कोयलांचल के कोयला खदानों पर भी पड़ा है। बीसीसीएल एरिया चार के केशलपुर कोलियरी खदान में समीप के कमारी जोर नदी का पानी घुस जाने से खदान पूरी तरह से डूब चुका है। बता दें कि यह खदान भूमिगत है। फिलहाल किसी कर्मी के हताहत होने की खबर नही है। घटना की सुचना पर बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है। वहीं कोलियरी के श्रमिक कॉलोनियों का हाल बुरा है। कॉलोनी के समीप की बिलसपुरिया बस्ती पूरी तरह जलमग्न हो चुका है।कमारी जोर नदी पूरे उफान पर है, जो खतरे के निशान से कई गुना ऊपर बताया जा रहा है।

 

 

 

 

 

 

निरसा में भी बारिश के कारण जन जीवन अस्त-व्यस्त

चक्रवाती के कारण हो रही मूसलाधार बारिश के कारण निरसा में लोगों का भी जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। लगातार हो रही इस बारिश में लोगों के कामकाज तो पूरी तरह से ठप हो ही गए है, कई लोगों को इससे भारी नुकसान भी हुआ। वहीं दूसरी ओर ईसीएल के मुगमा क्षेत्र अंतर्गत निरसा कोलियरी में बारिश का पानी घुसने से कोयले का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है। निरसा प्रखंड अंतर्गत पीठा क्यारी पंचायत निवासी कालीपदों कुंभकार का मकान ढह गया है। जिससे उनके पूरे परिवार के सामने इस बारिश में सर ढकने की भी जगह नहीं बची हैं। निरसा दक्षिण के तरफ भल जोड़ियां स्थित काली मंदिर के समीप बहने वाली खुदीया नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण नदी विकराल रूप लेती हुई मंदिर की तरफ बढ़ रही है। जिससे आसपास बने कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों के बीच भय की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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