संदर्भ असंगठित श्रमिक : DC ने हरी झंडी दिखा पांच जागरूकता वाहन को रवाना किया

AJ डेस्क: उपायुक्त संदीप सिंह ने असंगठित श्रमिकों से ई-श्रम पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने की अपील की है। उन्होंने कहा श्रम और रोजगार मंत्रालय असंगठित श्रमिकों का नेशनल डाटाबेस तैयार कर रहा है। इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद असंगठित श्रमिक बहुत सारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के अधिक से अधिक लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने आज पांच जागरूकता रथ को रवाना किया है। असंगठित श्रमिक कैंप में जाकर अवश्य रजिस्ट्रेशन कराएं। पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करा सकते है।

 

 

31 दिसंबर तक जिले के 8.81 लाख असंगठित श्रमिकों का निबंधन करने का न्यूनतम लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभिन्न आउटसोर्सिंग कंपनी तथा रोड सेल में काम करने वाले वैसे श्रमिक, जिनका प्रोविडेंट फंड नहीं कटता है, वे भी इसमें निबंधन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन नेशनल डाटा अनऑर्गेनाइज्ड वर्कर (एन.डी.यू.डबल्यू.) की वेबसाइट पर सीएससी द्वारा करने की सुविधा प्रदान की गई है। वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद प्रत्येक श्रमिक को 12 अंकों का विशिष्ट पहचान पत्र जारी किया जाएगा। जिसकी वैधता आजीवन रहेगी। इसमें निबंधन कराना निःशुल्क है। रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद श्रमिक को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिलेगा। साथ ही सामाजिक सुरक्षा एवं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।

 

 

श्रम अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि इसमें निबंधन कराने वाले श्रमिक की उम्र 16 वर्ष से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए। श्रमिक आयकर दाता नहीं होना चाहिए, यदि वे केवल आइटीआर फाइल करते हैं परंतु कोई टैक्स नहीं भरते हैं तो वे इस योजना में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। ईपीएफओ और ईएसआईसी का सदस्य नहीं होना चाहिए तथा असंगठित श्रमिक श्रेणियों में काम करना चाहिए। इसमें मनरेगा वर्कर्स एनआरएलएम या एनयूएलएम के तहत एसएचजी के सदस्य, स्ट्रीट वेंडर्स, रिक्शा चालक, निर्माण कामगार, मिड डे मिल कामगार, घरेलू कामगार, आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स, कृषि कामगार, फिशरमैन और ईट भट्ठा कामगार सहित अन्य असंगठित कामगार निबंधन करा सकते हैं।

 

 

इसकी निबंधन प्रक्रिया बहुत सरल है। श्रमिक का आधार ई-केवाईसी द्वारा सत्यापन, बैंक खाता का विवरण और आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य है। आधार ई-केवाईसी के लिए ओटीपी, फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन की सुविधा दी गई है। इस अवसर पर एडीएम लॉ एंड ऑर्डर डॉ कुमार ताराचंद, अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम भी उपस्थित थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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