तोपचांची की वादियों में भी खेला जा रहा काला हीरा का अवैध खेल

AJ डेस्क: पर्यटन स्थल, रमणीक इलाका, छोटी बड़ी पहाड़ियों और जंगलों से घिरा जिला के तोपचांची इलाके में भी अवैध कारोबारी अपना पैर पसार रखा है। आपको शायद आश्चर्य होगा कि तोपचांची में ‘कोयला’। वहां तो धान की लहलहाती खेती देखने को मिलती है। परंतु यह सत्य है, पहाड़ की तलहटी में कोई एकरमू—धड़ल्ले से काले हीरे का अवैध कारोबार कर रहा है।

 

 

काले हीरे के अवैध कारोबार के लिए प्रख्यात इलाकों में लगातार जिला पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, यदा कदा CISF वाले रेड मारकर अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें सफलता भी मिल रही है। कोयला के अवैध कारोबारियों के लिए स्वर्ग माने जाने वाले निरसा क्षेत्र से प्रायः यह खबर मिलते रहती है कि पुलिस ने फलां के यहां रेड मार दिया है।

 

 

वहीं जंगल, पहाड़ और धान की खेती वाले इलाके तोपचांची में भी काला हीरा का कारोबारी पैर पसारे हुए है, यह जल्दी कोई सोच भी नही सकता लेकिन हाईवे से थोड़ा अंदर जाकर पहाड़ के तलहटी में कोई एकरमू अवैध डिपो चला रहा है। जबकि तोपचांची क्षेत्र में कोई कोयला खदान भी नही है। धनबाद गिरिडीह जिला की सीमा पर तोपचांची के बसे होने का पूरा लाभ उठाता है यह अवैध कारोबारी। अवैध कोयला बिहार-यू पी की मंडियों में आराम से चल जाता है। इस अवैध कारोबारी के काले धंधा में एक दबंग व्यक्ति के द्वारा निवेश किए जाने की सूचना है। मुख्यालय तोपचांची में काले हीरे का खेल होने की सोच भी नही सकता, जिसका पूरा फायदा वहां उठाया जा रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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