अलर्ट : देश के कई राज्यों में ओमीक्रॉन की एंट्री, 101 मामले आए सामने

AJ डेस्क: कोरोना का ओमीक्रॉन वेरिएंट देश के कई राज्यों में एंट्री कर चुका है। ऐसे में लोंगों को सतर्क रहने के लिए कहा जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश के 11 राज्यों से ओमीक्रॉन के 101 मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में इस वक्त गैर-जरूरी यात्रा, सामूहिक समारोहों से बचने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि देश में अभी 19 ज़िले ऐसे हैं जहां संक्रमण बहुत ज़्यादा है, वहां साप्ताहिक पॉजिटिविटी 5-10% के बीच है। केरल में ऐसे 9 ज़िले, मिज़ोरम में 5 ज़िले, नागालैंड, राजस्थान, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल में ऐसे एक-एक ज़िले हैं।

 

 

उन्होंने कहा कि दुनिया के 91 देशों से ओमीक्रॉन के मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ओमाइक्रोन दक्षिण अफ्रीका में डेल्टा संस्करण की तुलना में तेजी से फैल रहा है। ऐसे यह संभावना है कि जहां कम्यूनिटी ट्रांसमिशन होता है वहां ओमाइक्रोन डेल्टा वेरिएंट से आगे निकल जाएगा।

 

 

वहीं उन्होंने देश में कोरोना की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि पिछले 20 दिनों से नए मामले 10,000 से नीचे दर्ज किए गए। पिछले 1 हफ्ते से केस पॉजिटिविटी 0.65 फीसदी थी। वर्तमान में,देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या में 40.31 फीसदी केरल से है। वहीं वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि भारत दुनिया में उच्चतम दर पर कोरोना वैक्सीन की खुराक दे रहा है। देश में हर रोज अमेरिका से 4.8 गुना दर पर और ब्रिटेन से 12.5 गुना दर पर कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा रही है।

 

 

इसी के साथ लव अग्रवाल ने ये भी कहा है कि अभी तक ऐसे कोई सबूत नहीं है जो ये बता सके की कोरोना के ओमीक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन असरदार नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में ओमिक्रोन के जो अधिकतर मामले आए हैं उनकी ट्रैवल हिस्ट्री है या वो ट्रैवल हिस्ट्री वाले लोगों के संपर्क में आए हैं। वहीं आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि यह समय गैर-जरूरी यात्रा, सामूहिक समारोहों से बचने का है।

 

 

वहीं एंटी वायरल कोविड 19 पिल के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हम इन गोलियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं। हमने पाया है कि इन गोलियों को रोग के निदान से पहले ही बहुत जल्दी दिया जाना चाहिए। वैज्ञानिक डेटा अभी भी बड़े पैमाने पर इस बात का समर्थन नहीं करता कि गोलियां इस समय उपयोगी होंगी।

 

 

ओमीक्रॉन पर बात करते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा है कि हर सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग संभव नहीं है। ये एक निगरानी और ट्रैकिंग टूल है ना कि डायग्नोस्टिक टूल। हम आश्वस्त कर सकते हैं कि पर्याप्त व्यवस्थित सैंपल लिए जा रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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