प्रमोद हत्याकांड के सभी आरोपी सीबीआई के विशेष कोर्ट से हुए बरी

AJ डेस्क: यूपी के डॉन बृजेश सिंह के रिश्तेदार और कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह हत्याकांड मामले में शुक्रवार को 18 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने इस मामले के सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बता दें किइस मामले में कुल 6 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें तीन आरोपियों की मौत पहले ही हो चुकी है। शुक्रवार को न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी छह आरोपियों को रिहा कर दिया। सीबीआई इस मामले का अनुसंधान कर रही थी।

 

 

कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह की हत्या मामले में रणविजय सिंह, संतोष सिंह, अयूब खान, दारोगा एमपी खरवार, अरशद अली और हीरा खान को को आरोपी बनाया गया था। जिन्हें साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रमोद सिंह की हत्या हुई पर किसने कराई और किसने की, सीबीआई यह साबित नहीं कर पाई। करीब आधे घंटे तक चली सुनवाई के दौरान न्यायाधीश पाठक ने आरोपियों के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोपों को पढ़कर बताया कि किनके विरुद्ध क्या आरोप थे और सीबीआई को क्या साबित करना था? जिसे साबित करने में सीबीआई विफल हो गई।

 

 

ज्ञात हो कि कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह की हत्या तीन अक्टूबर 2003 को धनसार स्थित बीएम अग्रवाला कालोनी में गोली मारकर कर दी गई थी। प्रमोद सिंह के कथित बयान पर धनसार थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इस हत्याकांड के बाद अंडरवर्ल्ड में सनसनी फैल गई थी। प्राथमिकी में जनता मजदूर संघ के नेता रामधीर सिंह और राजीव रंजन को अभियुक्त बनाया गया था। बाद में अनुसंधान का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा गया था।

 

 

सीबीआइ ने जांच में पुलिस की कहानी को नकारते हुए प्राथमिकी के गवाह सुरेश सिंह, रणविजय सिंह संतोष सिंह, एवं अरशद अयूब, सैयद मोहम्मद अख्तर उर्फ खड़ग सिंह, हीरा खान, कश्मीरी खान एवं सरायढेला थाना प्रभारी मदन प्रसाद खरवार को अभियुक्त बनाते हुए चार्ज शीट अदालत में दायर की थी। सीबीआई ने सुरेश सिंह रणविजय सिंह एवं संतोष सिंह को प्रमोद सिंह हत्या कांड का मुख्य षड्यंत्रकारी बताया था।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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