जज्बा को सलाम: इंसानियत का फर्ज निभाया “पन्ना लाल” ने, संदर्भ त्रिकुट हादसा
अरुण कुमार तिवारी
AJ डेस्क: रेस्क्यू का एक्सपर्ट नहीं है वह शख्स।ना ही कोई नेता या सामाजिक कार्यकर्ता। बस, एक साधारण व्यक्तित्व का मालिक “पन्नालाल” ने जो कर दिखाया, रियली वह “सैल्यूट” का हकदार है। यहां बात हो रही है त्रिकुट रोपवे हादसा के तत्काल बाद जुगाड टेक्निक से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर ग्यारह लोगों की जान बचाने वाले पन्ना लाल की।
त्रिकुट पहाड़ी पर रोपवे हादसा हो गया। लोग सैकड़ों, हजारों फीट की ऊंचाई में फंसे हुए हैं। खबर जंगल की आग की तरह फैल गई। तमाशबीन लोगों की भीड़ वहां इकट्ठा हो गई। मोबाइल का कैमरा ऑन हो गया। अलग अलग कमेंट पास होने लगे। लेकिन कोई फंसे हुए लोगों की जान बचाने की नही सोच रहा था।
इसी भीड़ का एक हिस्सा था “पन्ना लाल”। पन्ना लाल का इंसानियत जग उठा था। उसने हिम्मत किया और कूद पड़ा रेस्क्यू में। विशेषज्ञों की टीम के पहुंचने का इंतजार नही किया पन्ना लाल ने। अपने कुछ साथियों की हिम्मत अफजाई की उसने और जुगाड तकनीक का सहारा लिया। एक दो चार छह नही बल्कि ग्यारह लोगों को पन्ना लाल ने मौत के मुंह से सुरक्षित निकाल लिया। चहुंओर पन्ना लाल की सराहना होने लगी, जो होना भी चाहिए।

पन्ना लाल जी कहते हैं यह कार्य कर उन्हे आत्म संतुष्टि मिली है। जिंदगी में कोई तो अच्छा कार्य वह कर गए।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज पन्ना लाल से ऑन लाइन मुखातिब होकर उन्हें सम्मानित किया। देवघर के उपायुक्त के माध्यम से पन्ना लाल को एक लाख रु का चेक सौंपा गया। एक बार फिर पन्ना लाल को, पन्ना लाल के जज्बा को, उसके इंसानियत, भावना को “सैल्यूट”।
