उपलब्धि: झारखंड के युवाओं के सपने को मिलेगी उड़ान, विदेश में पा सकेंगे उच्च शिक्षा
AJ डेस्क: देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी राज्य के युवाओं को विदेश उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए ब्रिटिश हाई कमीशन के साथ कोई साझा पहल की जा रही हो। झारखण्ड के अनुसुचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली युवाओं को झारखण्ड सरकार एवं ब्रिटिश हाई कमीशन द्वारा शेवनिंग-मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप प्रदान की जायेगी। इस संबंध में राज्य सरकार और विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ब्रिटिश उच्चायोग, नई दिल्ली के साथ 3 साल का साझा एमओयू किया जायेगा।
इससे पूर्व भी झारखण्ड सरकार द्वारा मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय स्कॉलरशिप योजना के जरिए यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एण्ड नॉर्थेन आयरलैण्ड के चयनित संस्थानों / विश्वविद्यालयों के चयनित पाठ्यक्रम में अध्ययन हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। अब अन्य वर्गों यथा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिभाशाली युवा भी स्कॉलरशिप योजना से लाभान्वित होंगे।
Fulfilling the commitment of Chief Minister @HemantSorenJMM, Govt of Jharkhand notifies the expanded Marang Gomke Jaipal Singh Munda Overseas Scholarship Scheme 2022, awarding upto 25 fully funded scholarships to students from ST, SC, OBC & Minorities for higher education in UK. https://t.co/r7oEiG98Ww pic.twitter.com/ktptCYtivL
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) June 4, 2022
मुख्यमंत्री ने निभाया वादा, वंचित वर्ग के युवा पढ़ेंगे विदेश में-
स्कॉलरशिप योजना के तहत सितंबर 2021 में चयनित सात छात्र/छात्राएं जब उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे थे। उस समय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा था कि जल्द सभी वंचित वर्ग जैसे अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली युवाओं को भी अनुसूचित जनजाति के युवाओं के साथ उच्च शिक्षा का अवसर दिया जायेगा। अपने वादे के अनुसार मुख्यमंत्री ने एक वर्ष से भी कम समय में इन युवाओं का विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने मार्ग प्रशस्त किया गया। साथ ही, मुख्यमंत्री के प्रयास से ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा अधिकतम पाँच छात्र/ छात्राओं को स्कॉलरशिप प्रदान करने हेतु मरङ गोमके जयपाल सिंह मुण्डा स्कॉलरशिप योजना के साथ साझेदारी करते हुए शेवनिंग-मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप योजना शुरू की। यह वैश्विक स्कॉलरशिप योजना अपने आप में अनूठी है, जब यहां के वंचित समाज के प्रतिभाशाली युवाओं को वैश्विक स्कॉलरशिप मिलेगी।
10 से बढ़कर संख्या हुई 25, विषय बढ़कर हुए 31-
विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करना किसी परिकल्पना से कम नहीं है। लेकिन इस परिकल्पना ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में मूर्त रूप लिया है। पूरे देश में ऐसी योजना नहीं है। जिसके तहत देश के वंचित वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश स्थित शिक्षण संस्थानों में भेजने की व्यवस्था हो। वो भी शत- प्रतिशत स्कॉलरशिप पर। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड सरकार ने ऐसा कर दिखाया है। पूर्व में अधिकतम 10 छात्र/ छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही थी, लेकिन अब अधिकतम 25 छात्र/ छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाएगी। झारखण्ड के अनुसूचित जनजाति के अधिकतम 10, अनुसूचित जाति के अधिकतम 5, अल्पसंख्यक के अधिकतम 3 एवं पिछड़ा वर्ग के अधिकतम 7 प्रतिभावान छात्र/छात्राओं को चयनित कर प्रत्येक वर्ष विदेश में स्थित अग्रणी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के चयनित कोर्स में उच्च स्तरीय शिक्षा यथा मास्टर्स / एम० फिल० हेतु स्कॉलरशिप प्रदान की जायेगी। साथ ही स्कॉलरशिप योजना के अंतर्गत विषयों को भी 22 से बढ़ाकर 31 किया गया है।
झारखंड से इच्छुक युवा www.mgos.jharkhand.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। तथा आवेदन की अंतिम तिथि 25.06.2022 है।