आखिर “शिवम” के “बाबा” पर गिर ही गई प्रशासनिक गाज

AJ डेस्क: आखिरकार शिवम के बाबा पर प्रशासनिक गाज गिर ही गया। अब संगीन धाराओं में दर्ज हुए केस की जांच की धार भोथड़ करने का खेल शुरू हो गया। देखना है इस बार सेटिंग गेटिंग के मास्टर को कहां तक सफलता मिलती है।

 

 

कोयलांचल के कोयला जगत से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कारोबारियों के बीच खासा चर्चा का विषय बना हुआ है कि “बाबा” के यहां रेड कैसे पड़ गया, रेड पड़ा भी तो बाबा नामजद अभियुक्त कैसे बना दिए गए। इस चर्चा का वजह भी है। कुछ वर्षों पहले जी टी रोड के एक थाने में शिवम से रिलेटेड केस तो हुआ लेकिन FIR में बाबा का नाम नहीं आया। संयोगवश रेड करने वाले SP का भी तुरंत जिला से अन्यत्र तबादला भी हो गया। बाबा ने कोयला जगत में SP के तबादला को खूब भंजाया, दावा किया कि शिवम में रेड करने का खामियाजा SP को भुगतना पड़ा। गिरिडीह जिला के भी एक थाना में बाबा पर काला हीरा से रिलेटेड एक केस हुआ था। बाबा रांची कैंप कर गए, सब लीपापोती हो गया।

 

 

वर्दी वाले एक वरीय अधिकारी, एक कलम के सिपाही से रिश्तेदारी, रांची में ही एक इज्जतदार पोस्ट पर आसीन शख्स से रिश्तेदारी, इस तरह के रिश्तेदारों का नाम लेकर बाबा “काला हीरा” के कारोबार में अलग धौंस दिखाने का मौका नहीं चूकते।

 

 

जानकार सूत्र बताते हैं कि इस बार अलग “पंगा” है। कोयला जगत के एक पुराने घाघ खिलाड़ी से बाबा ने पंगा ले लिया है। सूत्र बताते हैं कि विरोधी ने कथित काले करतूत का लंबा चौड़ा CCTV फुटेज बतौर सबूत बना लिया है। यह फुटेज राजधानी रांची से लेकर दिल्ली तक संबंधित मंत्रालय तक पहुंचा दिया गया है। कुल मिलाकर सारा खेल बिगड़ चुका है। रिटायर्ड वर्दी वाले रिश्तेदार और अन्य पैरवीकार इस बार कितना मदद कर पाते हैं। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल सबकी नजर जिला प्रशासन के अगले स्टेप पर है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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