गवर्नर से मुलाकात कर सीएम ने स्थिति स्पष्ट करने को कहा फिर रवाना हो गए दिल्ली

AJ डेस्क: पिछले 3 हफ्ते से अपनी सदस्यता को लेकर बने संशय के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज गवर्नर से मुलाकात की। इस मीटिंग में उन्होंने इलेक्शन कमीशन के मंतव्य की कॉपी की मांग करते हुए एक पत्र सौंपा। अपने पत्र में उन्होंने गवर्नर से कहा कि फरवरी, 2022 से बीजेपी के द्वारा यह भूमिका रची जा रही है कि उनके द्वारा खनन पट्टा लिए जाने के आधार पर उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया जाएगा। उन्हें सुनवाई का अवसर भी दिया जाए ताकि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक अनिश्चितता का वातावरण जल्द दूर हो सके।

 

 

दरअसल, दोपहर अचानक मुख्यमंत्री सोरेन खुद गवर्नर रमेश बैस से मिलने राजभवन पहुंचे और गवर्नर से कहा कि उनकी सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग ने जो मंतव्य उन्हें भेजा है उसकी एक प्रति उपलब्ध कराई जाए। इस बाबत दो पेज का एक पत्र उन्होंने गवर्नर को दिया। और इसके बड़ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची एयरपोर्ट से अचानक दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

 

 

इस संबंध में बीजेपी द्वारा राजभवन में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय के दो निर्णयों में स्पष्ट व्यवस्था दी गई है कि जिसके आधार पर खनन पट्टा लिए जाने से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9A के प्रावधान के अंतर्गत अयोग्यता उत्पन्न नहीं होती। इसके बाद भी इस विषय में मंतव्य गठन हेतु अनुच्छेद 192 के अंतर्गत राज्यपाल के रेफरेंस के अनुसरण में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सुनवाई भी आयोजित की गई।

 

 

 

 

 

 

सोरेन ने पत्र में कहा कि भारतीय संविधान के प्रावधान के अनुसार इलेक्शन कमीशन को अपना मंतव्य आपके समक्ष प्रस्तुत करना है और आपके द्वारा मुझे सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर देकर यथोचित कार्रवाई करनी है। हालांकि बीजेपी के नेताओं के सार्वजनिक बयानों से प्रतीत होता है कि निर्वाचन आयोग द्वारा अपना मंतव्य भारतीय जनता पार्टी को सौंप दिया गया है। 25 अगस्त से लगातार मीडिया में व्यापक रूप से यह प्रचारित किया जा रहा है कि इलेक्शन कमीशन द्वारा यह अभिमत दे दिया गया है कि मेरी सदस्यता चली गई है।

 

 

 

 

 

 

 

इस संबंध में यूपीए के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी आपसे मिलकर आयोग के मंतव्य को शीघ्र सार्वजनिक करने के लिए एक आवेदन दिया था। तब गवर्नर ऑफिस से बताया गया कि निर्वाचन आयोग से मंतव्य प्राप्त हो गया है और आवश्यक विधि सम्मत कार्रवाई दो-तीन दिन के अंदर पूरी कर ली जाएगी। सोरेन ने अपने पत्र में कहा कि आपके कार्यालय से मंतव्य के संबंध में सूचना के छनकर आने से सरकार कार्यपालिका और जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। बीजेपी इस भ्रम की स्थिति का उपयोग दल बदल के अस्त्र के रूप में अनैतिक रूप से सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है। हालांकि बीजेपी अपने इस अनैतिक प्रयास में कभी सफल नहीं होगी क्योंकि राज्य गठन के बाद पहली बार दो तिहाई सदस्यों का समर्थन उनकी सरकार को प्राप्त है और 5 सितंबर को सरकार ने विधानसभा पटल पर अपना अपार बहुमत भी साबित किया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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