स्थापना दिवस : बिहार और यू पी वालों ने झारखंड को चारागाह बनाया- हेमंत

AJ डेस्क: धनबाद के रणधीर वर्मा स्टेडियम में शनिवार को आयोजित जेएमएम के 51वें स्थापना दिवस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभा को संबोधित करते हुए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि 20 साल बाद पहली बार आदिवासी-मूलवासी की सरकार बनी है। हम व्यापारियों के जनप्रतिनिधि नहीं हैं। हम जनप्रतिनिधि हैं राज्य के आदिवासी, मूलवासी, दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़े वर्ग, गरीब, किसान लोगों के। हमें इन लोगों के पेट भरने की चिंता है न कि हमें अपनी जेब भरने की। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यापारियों की जमात तो इस पार्टी में है।

 

 

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गुरुजी उम्र के पड़ाव में हैं। पिछले 51 सालों से उनका मार्गदर्शन मिलता रहा है। हमारे पूर्वजों की आंदोलन के कारण ही हम अलग राज्य लेने में सफल रहे। हमने राज्य तो अलग ले लिए लेकिन उनके उद्देश्यों को पूरा नही किया गया। अलग राज्य बनने के बाद बीस साल बाद मूलवासी की सरकार बनी। झारखंडियों की किस्मत में सिर्फ संघर्ष और बलिदान लिखा हुआ है। अपने लोगों के शहादत के बाद बड़ी मुश्किल से राज्य मिला। उनकी शहादत के बाद बड़ी ही मुश्किल से सरकार बनी। सरकार बनने के बाद वैश्विक महामारी ने पूरे देश मे दस्तक दे दी। बाजार, कार्य, और कारखाना सभी बंद पड़ गए। समझ मे नही आ रहा था कि राज्य को आगे कैसे बढ़ाएं। ना दवा की व्यवस्था और ना ही रोग की पहचान। ऐसे में हमारी सरकार ने बेहतर प्रबंधन के राहत कार्य से राज्य को उस वैश्विक महामारी से बाहर निकाला। दूसरे राज्यों में काम करने वाले महामारी के दौरान फंसे मजदूरों को घर वापसी की व्यवस्था की गई। हवाई मार्ग, सड़क मार्ग से दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने का काम हमारी सरकार ने किया है। महामारी के दौरान कई राज्यों में लोगों की मौत जानवरों की तरह हुई। उनके दफन करने के लिए जमीन तक नही मिल रहा था, लेकिन सरकार हतोत्साहित नही हुई। तमाम मुश्किलों के बावजूद हमने दो साल का सफर तय किया। अब दो सालों बाद हम विकास कार्यों को लेकर राज्य में आगे बढ़ रहे हैं।

 

 

विकास कार्यों को जब गति देने में जुटे हैं तो विपक्षियों के पेट मे दर्द होना शुरु हो गया है। मुद्दाविहीन विपक्ष षड्यंत्र के तहत हमारे विकास कार्यों को अवरुद्ध करने का काम कर रहें हैं। आदिवासी, दलित, अल्पसंख्क की मांग को विपक्ष असंवैधानिक बताती है। अलग राज्य की मांग को ये लोग असंवैधानिक बता रहे थे। लेकिन वह लड़ाई भी हमने लड़कर जीती है। सरना धर्म कोड को विपक्ष असंवैधानिक करार देती है। 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति इनके लिए असंवैधानिक हैं। आदिवासी और मूलवासी को अधिकार दिलाने पर बिहार और यूपी के लोगों के पेट मे दर्द होने लगता है। 1932 खतियान अधारित नियोजन नीति को लेकर 20 लोग कोर्ट में गए। उन 20 लोगों में 19 लोग यूपी और बिहार के लोग शामिल है। एक ही सिर्फ झारखंड का था।

 

 

उन्होंने इशारे इशारे में मंच से राज्यपाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की सरकार जो कानून बनाती है उसे राज्यपाल मुहर लगाकर संसद में भेजते हैं। हमारे यहां आदिवासी और मूलवासी की मांग को असंवैधानिक करार दिया जाता है। कर्नाटक में विपक्षी की सरकार है।

 

 

उन्होंने कहा कि कोयला खनन कंपनियों के ऊपर 36 हजार करोड़ का बकाया है। इन विपक्षी पार्टियों ने राज्य को खोखला करने का काम किया है। यूपी और बिहार के लोगों के लिए झारखंड चारागाह बना हुआ है। 20 सालों में इन लोगों ने हमारी पीढ़ी के बारे में नही सोंचा। ये सरकारी कर्मचारियों का शोषण करते हैं। आज लोग अपनी समस्या को लेकर सरकार तक पहुंच रहे हैं। पारा शिक्षक से लेकर हर कर्मचारियों की हमे चिंता है।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी बने दूसरे अर्जुन मुंडा बने, लेकिन बीजेपी नही चाहती कि यहां के मूलवासी यहां सत्ता में रहे। मूलवासी अपनी सरकार चलाये। जिसका नतीजा था कि महज दो से तीन साल में ही सरकार गिर गईं। बीजेपी नही चाहती कि कोई मूलवासी यहां सत्ता में रहे।

 

 

उन्होंने अडानी को लेकर कहा कि आज देश मे आर्थिक दुर्घटना घटी है। जिससे रुपया औंधे मुंह गिर गया है। आप भी समझ सकते हैं किस तरह से भ्रष्टाचार का आलम है।

 

 

महंगाई पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले महंगाई डायन थी और अब भौजाई बन गई है। हर चीजे महंगी हो रही है। एक एलपीजी कीमत 1200 सौ रुपये है। बीजेपी ने राज्य में 11 लाख गरीबों के नाम बीपीएल से काट दिए। मैने 20 लाख लोगों का नाम जोड़कर गरीबों को अनाज देने का काम किया है। हमने एफसीआई से सब्सिडी पर अनाज मांगी थी, लेकिन नही मिला।अब बाजार दर से अनाज खरीदकर लोगों के बीच बांटने का काम करे हैं।

 

 

समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन शामिल हुए। उनके अलावे पार्टी के विधायक और सांसद भी मंच पर आसीन रहे। लोगों की भारी भींड समारोह में देखने को मिली। बड़ी संख्या में लोग पंडाल के बाहर भी मुख्यमंत्री का सम्बोधन सुनते नजर आए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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