बारह मार्च तक मांगे पूरी नहीं होने पर डॉक्टर जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

AJ डेस्क: झारखंड के सरकारी और निजी चिकित्सकों ने अपनी मांग न माने जाने पर 13 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। इसके पूर्व रविवार को पूरे राज्य में चिकित्सकों ने अपनी मांगों के समर्थन में एक साथ हर जिले में कैंडल मार्च निकाला। राजधानी रांची के रिम्स से सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर ने कैंडल मार्च में हिस्सा लिया और नारेबाजी की। इस कैंडल मार्च में डॉक्टर से सम्बंधित सारे संगठन IMA, JSHSA, रिम्स टीचर एसोसिएशन, JDA, चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एवं वीमेन डॉक्टर विंग AHPI एवं अन्य संगठनों के सदस्य शामिल रहे।

 

 

यह है चिकित्सकों की मांग-

झारखंड के चिकित्सक लगातार डॉक्टरों पर हो रहे हमलों से नाराज़ हैं और राज्य सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था करने और काफी समय से लंबित मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं। हाल के दिनों में हजारीबाग गढ़वा, राँची, लोहरदगा धनबाद में चिकित्सकों पर हुए हमले से डॉक्टरों में भय का माहौल है। सुरक्षा की मांग के साथ ही बायोमेट्रिक उपस्थिति से वेतन को जोड़ने के आदेश से मुक्त रखना एवं धनबाद में डॉ हाजरा दाम्पति एवं राँची रिम्स के वरीय चिकित्सक डॉ सौरभ के साथ हुए दुखद घटना में सरकार के द्वारा मुआवजा देने और उनकी पत्नी को नौकरी देने कि मांग है।

 

 

1 मार्च को किया था कार्य बहिष्कार-

झारखंड के सरकारी एवं निजी डॉक्टरों ने पीछले एक मार्च को आईएमए और झासा के आह्वान पर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया था। झारखंड आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह कहते हैं कि झारखंड सरकार अगर 12 मार्च 2023 तक चिकित्सकों कि मांग को पूरा नहीं करती है तो राज्य में सरकारी प्राइवेट तथा मेडिकल से सम्बंधित सारी इकाई अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार पर चले जायेंगे।

 

 

वहीं आईएमए महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ भारती कश्यप कहती हैं कि हम चिकित्सक कभी भी इस तरह का निर्णय लेना नहीं चाहते है पर मजबूरन विवश होकर हम लोगो को यह निर्णय लेना पड़ रहा है। हम राज्य की जनता से भी अनुरोध करते हैं कि वो राज्य सरकार से चिकित्सकों की सारी समस्याओ का निदान करने का अपील करें।

 

 

देश के 23 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है एवं हरियाणा, उत्तर प्रदेश में 50 बेड के अस्पतालो को क्लिनिकल एस्टेबिलिसमेंट से मुक्त रखा गया है तो फिर हमारी यह मांग यह झारखंड में सरकार क्यों लागू नहीं कर रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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