CMPDI ने लालमणि वृद्धा आश्रम को 25 बेड दिया
AJ डेस्क: बुधवार को धनबाद के टुंडी स्थित लालमणि वृद्धा सेवा आश्रम ‘अपना घर’ आश्रम में सेंट्रल माइन प्लैनिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट, आर आई- 2, धनबाद ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत आश्रम को बहुत ही नितांत जरूरी 25 आधुनिक, कीड़ों से सुरक्षित, बेहद आरामदायक गद्देदार बेड प्रदान किया।
आश्रम में वृद्धजनों के पुराने बेड, फोल्डिंग खाट काफी चरमराई और खराब स्थिति में थी, इसी के संबंध में आश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी के विशेष आग्रह पर सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट आर आई 2 के क्षेत्रीय निदेशक राजीव कुमार सिन्हा और उनकी पत्नी रानी कुमारी, महाप्रबंधक (खनन) रविंद्र नाथ सिंह, विभागाध्यक्ष (वित) डी.के. तिवारी, मैनेजर (कार्मिक एवं प्रशासन) जोली भट्टाचार्य, नोडल अधिकारी (सीएसआर) नवीन कुमार, उप प्रबंधक (पर्यावरण) कुमार वैभव, क्षेत्रीय निदेशक (पीए) बृजेश कुमार यादव, सीनियर क्लर्क दिलीप दत्ता, मणिलाल कुमार ने सीएमपीडीआई के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व तहत आश्रम पहुंचकर 2 लाख 80 हजार रुपये कीमत की मजबूत, टिकाऊ एवं बेहतरीन बेड प्रदान किया।
इस अवसर पर लालमणि प्रबंधन ने सभी सीएमपीडीआई के अधिकारियों को शॉल ओढाकर, आश्रम का स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर इस पुनीत कार्य के लिए सम्मानित किया। सेंट्रल माइन प्लैनिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट आर आई 2 धनबाद के क्षेत्रीय निदेशक राजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि सीएमपीडीआई बहुत मजबूती के साथ लालमणि वृद्धा सेवा आश्रम के आदरणीय वृद्ध जानो को सेवा प्रदान करने के लिए खड़ा है। अभी सीएसआर के तहत इन्हें 25 बेड प्रदान किया गया है तथा भविष्य में सीएमपीडीआई की तरफ से और भी अनेक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
महाप्रबंधक रविंद्र नाथ सिंह ने कहा कि आश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी एवं आश्रम मैनेजमेंट की टीम को वे हार्दिक बधाई देते हैं कि अपना घर व्यापार छोड़ के वृद्धों की सेवा लगे हैं। मानव सेवा सब की बात नहीं है यह ईश्वरीय देन ही है जो मानव के लिए इतना उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। सीएमपीडीआई यथासंभव लालमणि वृद्धा सेवा आश्रम को भविष्य में मदद करती रहेगी।
डी.के. तिवारी विभागाध्यक्ष वित्त ने कहा कि हम सीएमपीडीआई टीम का आश्रम से एक गहरा नाता हो गया है और यहां आकर सेवा करने के लिए हम सभी तत्पर रहते हैं। पहली बार आश्रम आई मैनेजर, (कार्मिक एवं प्रशासन) जोली भट्टाचार्य ने कहा कि ऐसा लगता है कि एकदम दुनिया से अलग जगह में आ गई हूं और वृद्ध जनों से मिला सच्चा अपनापन और आशीर्वाद बहुत ही अच्छा लगा।