पुलिस कप्तानों से DGP ने कहा- संगठित, गैर संगठित अपराधों पर लगे लगाम

AJ डेस्क: डीजीपी अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में रिव्यू मीटिंग हुई। इस मीटिंग में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। वहीं जिले एसपी को साफ-साफ निर्देश दिया गया कि किसी भी स्थिति में अपराध पर नियंत्रण होना चाहिए। राज्य से लेकर जिला स्तर तक प्रयास ऐसा हो कि अपराधी संगठित हों या असंगठित उन पर पूर्णत: नकेल कसी जाए। बैठक के बाद जानकारी देते हुए होम सेक्रेटरी अविनाश कुमार ने बताया कि आज की बैठक में मुख्य रूप से संगठित और गैर संगठित अपराधों के ऊपर विशेष तौर पर चर्चा की गई। लगातार अपराधियों के बढ़ते मनसूबे को देखते हुए जेल में बंद बड़े अपराधियों को राज्य के बाहर भी शिफ्ट किया जा सकता है।

 

 

होम सेक्रेटरी ने राज्य सरकार की चिंता से जिलों के एसपी को अवगत कराते हुए कहा कि राज्य सरकार इस बात को लेकर खास तौर पर चिंतित है कि आपराधिक घटनाओं के कारण आम लोगों का जीवन प्रभावित होता है। लोगों में खौफ का वातावरण फैलता है। जो किसी भी तरह से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकार की चिंता से पुलिस अधिकारियों को अवगत करा दिया है। उन्हें कई निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि आम लोगों का जीवन सरल और सुरक्षित हो सके, इसकी व्यवस्था की जाए।

 

 

बैठक में सभी जिले के एसपी से लेकर सभी एडीजी रैंक के अधिकारी शामिल रहे। वहीं राज्य के सभी पुलिस विंग के प्रमुख, सभी एडीजी, आईजी अभियान, सभी रेंज आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के एसपी शामिल थे। बैठक में अमन साहू की ओर से लगातार व्यवसायिकों को धमकाने और पुलिस पर फायरिंग करने को पुलिस ने गंभीरता से लिया है।

 

 

राज्य पुलिस के लिए कई ऐसे संगठित ग्रुप हैं जो आए दिन चुनौती देते रहते हैं। इनमें अमन साव, अमन श्रीवास्तव, अमन सिंह, विकास तिवारी, सुजीत सिन्हा, अखिलेश सिंह, सुधीर दूबे, प्रिंस खान प्रमुख हैं। ये ग्रुप पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। आज की बैठक में आपराधिक सरगनाओं के गिरोह पर लगाम कसने की रणनीति पर चर्चा की जा रही है। इन गिरोह के सदस्यों पर दर्ज सभी कांडों की समीक्षा पुलिस मुख्यालय में बैठक के दौरान की जा रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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