काला हीरा का काला खेल : काम में बाधा डाला तो हो जाएगा “धाएं – धाएं”
अरुण कुमार तिवारी
AJ डेस्क: वाह रे सिस्टम, “चोरी और सीना जोरी”। डंके की चोट पर 24×7 अवैध कारोबार करने वालों के बीच किसी ने बाधा डालने की कोशिश की तो हो जाएगा- “धाएं धाएं”। यह काल्पनिक बात नहीं, हकीकत है और कोयलांचल इसका गवाह भी बनता रहा है। हाल ही में धर्मा बांध में ग्रामीणों की हुई पिटाई, फायरिंग, धमाका इस बात का ज्वलंत उदाहरण है।
जानकार कहते हैं कि “रोहित – अरविंद अवैध खनन प्राइवेट लिमिटेड” का क्षेत्र में तूती बोलता है। धर्मा बांध और सोनार डीह में इनके कार्य स्थल तक आम आदमी की तो दूर वर्दी वाले भी बगैर इजाजत के नही पहुंच सकते। इनकी टीम में शामिल चेंगड़ा हर कदम पर सबकी मूवमेंट पर नजर रखते हैं। सिंडीकेट के विरुद्ध मजाल है कि एक पता भी खड़क जाए, फिर मैडम का आशीर्वाद भी तो इन्हे प्राप्त है। बस्ती वाले शायद सिंडीकेट की शक्ति और पहुंच का सही आकलन नहीं कर पाए थे, तभी उन्होंने सिंडीकेट के अवैध कारोबार का विरोध करने का गलती कर दिया। नतीजा, वह बुरी तरह पीटे गए। अब हर स्तर से मामले को दबाने का खेल चल रहा है न कि दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने का।
जानकार बताते हैं सोनार डीह में रोहित का वर्चस्व कायम है। वह दिन रात कोयला कटवाने की क्षमता रखता है। बेरोजगारों की फौज बना रखी है इसने। उसके साइट की ओर जाने का कोई गलती नही करता या यूं कहें कि वहां तक कोई पहुंच ही नहीं सकता। सूत्र बताते हैं कि हाल ही में एक सुरक्षा एजेंसी ने आंतरिक विवाद के कारण सिंडीकेट का कोयला लदा चार ट्रक रोक दिया था। फिर क्या था, सिंडीकेट के फौजी तुरंत मौके पर पहुंच मोर्चा खोल दिया और सुरक्षा एजेंसी को ट्रक छोड़ना पड़ा। सुरक्षा एजेंसी को इस बात का अहसास नही था कि यह सिंडीकेट व्यापारी लक्षण का नही बल्कि गाटा के बल पर काला हीरा लूटने वाला गिरोह है। धर्मा बांध प्रकरण के बाद फिलहाल अभी सिंडीकेट ने शायद काम बंद रखा है, मामला लीपा पोती का प्रयास चल रहा है।