भू धसान की चपेट में आकर मकान ढहे, बारिश में बेघर हुए लोग

AJ डेस्क: धनबाद जिले के भूधसान और अग्निप्रभावित क्षेत्रो में रहने वाले लोग हर दिन मौत के साये में रहने को विवश है। कई घटनाओं के बावजूद जिला प्रशासन और बीसीसीएल इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। हजारो लोग भय के माहौल में जीने को विवश है।

 

 

17 सितम्बर को बीसीसीएल गोन्दूडीह अंतर्गत संचालीत हिलटॉप परियोजना स्थल में गोफ में समाने से तीन महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई थी। वही लगभग 1 साल पहले ईस्ट बसुरिया ओपी क्षेत्र के धोबी कुल्ही में भूधसान की घटना हुई थी। जिसमे आधा दर्जन घर जमींदोज हो गए थे।जिसके बाद धीरे धीरे धोबी कुल्ही दो भागों में बट गया।

 

 

 

 

 

 

इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी ही घटनाएं हो चुकी है। बार बार हो रही घटनाओं और उसमें जाती लोगो की जान के बाद भी जिला प्रशासन और बीसीसीएल अपनी कान में तेल डाल कर आराम फरमा रहे है। धोबी कुल्ही के हजारो लोग हर दिन मौत के साये में रह रहे है।

 

 

वही स्थानीय लोगो ने कहा कि बीसीसीएल और जिला प्रशासन से पुनर्वास के लिये गुहार लगाते लगाते थक चुके है। डर के साये में सभी रहते है। आउटसोर्सिंग के हैवी ब्लास्टिंग से घरो में दरार पड़ती है। 1 साल पहले भूधसान की घटना हुई थी, लेकिन पुनर्वास के लिये कुछ नही किया गया। अगर विरोध करते है तो डराने का काम किया जाता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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