सरकारी तंत्र के लम्बे हाथ नहीं पहुंच पा रहे “लुची बाद” तक, रमेश का है जलवा
AJ डेस्क: यह कोयला के घाघ अवैध कारोबारी रमेश का ही जलवा है कि सरकारी तंत्र के लम्बे हाथ (कानून) पंचेत के जंगल में चल रहे लुची बाद खदान में अवैध माइनिंग तक नहीं पहुंच पा रहा है। वर्दी वाली एजेंसियां अपरिहार्य कारणों से हाथ पर हाथ रखे बैठे हुई है तो रमेश 24×7 काले हीरे की लूट में मशगूल है।
आखिर कोयले के इस अवैध कारोबारी को किसका वरदहस्त प्राप्त है कि अति खतरनाक घोषित बंद खदान में सैकड़ों मजदूर उतार कर वह दिन रात कोयले का कटिंग करवा रहा है। रमेश नाम के कोयला तस्कर का पूरे निरसा पुलिस अनुमंडल क्षेत्र में तूती बोलता है। समकक्ष के कारोबारी रमेश के नाम से भय खाते हैं, लेकिन वर्दी वाली सुरक्षा ऐजेंसियों का रमेश को भरपूर आशीर्वाद मिलने की बात कही जाती है। धनबाद जिला पुलिस हो या CISF या कोल कंपनियों के सुरक्षा गार्ड। आखिर इन सबों के आंख पर क्या चांदी की पट्टी रमेश ने बांध रखी है। लुची बाद और रमेश के बीच अब गहरा संबंध बन चुका है।
