मुख्य त्यौहार और रमजान के शुक्रवार को वोट की तिथि नहीं, एक महीना चुनाव टालना सम्भव नहीं: आयोग
AJ डेस्क: रमजान के महीने के दौरान देश में चुनावों को लेकर छिड़े विवाद पर चुनाव आयोग ने सफाई दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि रमजान पूरे महीने तक चलता है और ऐसे में पूरे महीने चुनाव टालना संभव नहीं है लेकिन शुक्रवार और मुख्य त्यौहारों की तारीखों को ध्यान में रखते हुए उस दिन वोटिंग की प्रक्रिया को नहीं रखा गया है।
चुनाव आयोग ने 2019 के लोकसभा चुनावों की घोषणा कर दी है और 7 चरणों में मतदान का ऐलान किया है, लेकिन मई महीने में मतदान के 3 चरणों के लिए कई राजनीतिक दल विवाद पैदा कर रहे हैं क्योंकि उस दौरान रमजान का महीना रहता है और मुस्लिम समुदाय के लोग उस दौरान उपवास रखते हैं।
Election Commission: During #Ramadan, polls are conducted as full month can not be excluded. However, date of main festival and Fridays are avoided for poll days. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/i6NylD6WVB
— ANI (@ANI) March 11, 2019
तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता शहर के मेयर फिरहाद हाकिम ने लोकसभा चुनावों के लंबे कार्यक्रम पर सवाल उठाया है और कहा है कि पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में रोजा रखने वाले मुस्लिमों को इससे कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। इन तीनों राज्यों में चुनाव आयोग ने सभी 7 चरणों में मतदान कराने का फैसला किया है।
हालांकि तृणमूल कांग्रेस के नेता को हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जवाब दिया है, ओवैसी ने इस पूरे विवाद को अनावश्यक बताया है और राजनीतिक दलों को अपने लाभ के लिए मुस्लिमों और रमजान के विवाद को हवा नहीं देने की अपील की है। ओवैसी ने कहा है कि रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग उपवास रखते हैं और एक सामान्य जीवन जीते हैं, ओवैसी ने कहा कि उनके विश्लेषण के मुताबिक रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग ज्यादा संख्या में वोट करेंगे क्योंकि इस दौरान वे अन्य काम से फ्री रहते हैं।
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