बिहार में महागठबन्धन रहे या टूटे माले 6 सीटों से चुनाव लड़ेगा ही- दीपांकर

AJ डेस्क: लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर महागठबंधन में लगातार जिच बरकरार है। जिसकों लेकर आए दिन महागठबंधन में शामिल पार्टियों के गठबन्धन धर्म के खिलाफ बयानबाजी भी सामने आ रहे है। इसी क्रम में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार के आरा में एक बयान देकर महागठबंधन की नीव हिला कर रख दिया है। उन्होंने कहा है, ‘महागठबंधन रहे या टूटे हम बिहार के 6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।’

 

 

लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में पार्टियों के बीच सीट बंटवारे का विवाद दिन पर दिन गहरा ही होता जा रहा है। उसपर महागठबंधन में शामिल घटक दलों के बड़े नेताओं के बड़े-बड़े बयान राजनीतिक सरगर्मी और भी तेज कर दी है। इस बार भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार के आरा में एक बड़ा बयान दिया है। जिससे महागठबंधन में खलबली मचा दी है। एक कार्यक्रम में सवालों का जवाब देते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि ‘महागठबंधन टूटे तो टूटे हम 6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, महागठबंधन में पार्टियों का गठबंधन रहे या जाए जमीनी स्तर पर जनता के साथ हमारा गंठबंधन बना हुआ है।’ बिहार में हमारी 6 सीटों पर तैयारी चल रही है। हम 6 सीटों पर ही चुनाव लड़ेंगे।

 

 

कन्हैया कुमार पर दीपांकर ने साधी चुप्पी

बेगूसराय सीट से कन्हैया कुमार के लड़ने को लेकर लगाए जा रहे कयास पर दीपंकर भट्टाचार्य ने चुप्पी साधते हुए कहा कि कन्हैया सीपीआई के हैं। इसपर सीपीआई ही जवाब दे सकती है। जनता का मुद्दा ही माले का मुद्दा है। संविधान से बड़ा कोई घोषणा पत्र नहीं है। मालूम हो कि दीपंकर बेगूसराय सहित 6 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की बात कर रहे हैं।

 

 

दीपांकर ने मोदी के ‘मै भी चौकीदार’ कैम्पेन पर उठाए सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोशल मीडिया पर चलाये जा रहे “मैं भी चौकीदार” कम्पैन पर उन्होंने दो सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वो चौकीदार है तो देश में पुलवामा कैसे हो गया? विजय माल्या और नीरव मोदी देश लूट कर विदेश कैसे भाग गए? वहीं दूसरा सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि अगर मोदी के सारे नेता और मंत्री चौकीदार है तो क्या वे उतना वेतन लेंगे जितना कि चौकीदार को मिलता है? या क्या वे अपना वेतन देश के चौकीदारों को दे सकते हैं?

 

 

सम्पूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर दीपंकर भट्टाचार्य ने आगे कहा कि बिहार में एक तगड़ा विपक्ष बनना चाहिए जिसमें माले और वामपंथ के साथ सम्मानजनक तालमेल का गठबंधन करना होगा। किसी भी किसान, बेरोजगार नौजवान छात्रों या महिलाओं से पूछा जा सकता है कि वो लोग चाहते हैं कि देश में हिटलरशाही को हटा कर संविधान और लोकतंत्र को बचाना है।

 

 

बता दें कि वामपंथी पार्टी 6 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है मगर वो हर हाल में आरा, सिवान और जहानाबाद सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसीलिए उन्होंने खुले मंच से आरा लोकसभा सीट से राजू यादव को माले का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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