दीदी का कांग्रेस से परहेज, पार्टी का नया नाम “तृणमूल” रखा
AJ डेस्क: कांग्रेस से अलग होते ही ‘तृणमूल कांग्रेस’ अब सिर्फ ‘तृणमूल’ हो गई है। 21 साल बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपने तमाम प्रचार सामग्रियों सहित लोगो से भी कांग्रेस का नाम हटा दिया है। अब नए लोगो में पीछे नीले रंग पर दो फूल के नीचे हरे रंग में सिर्फ तृणमूल लिखा हुआ है।
बता दें कि 1998 में पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था और तत्कालीन सत्तारूढ़ माकपा के साथ मतभेद पर टीएमसी का गठन किया था। इस मामले पर एक पार्टी नेता ने बताया, टीएमसी को तृणमूल ही कहा जाता है और 21 साल बाद यह बदलाव का समय था। कांग्रेस का नाम पार्टी के बैनर, पोस्टर और सभी प्रचार सामग्री से हटा दिया गया है।
वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि टीएमसी का नाम चुनाव आयोग के पास अभी तृणमूल कांग्रेस के रूप में ही पंजीकृत रहेगा। पार्टी के आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर पेज, मुख्यमंत्री के तमाम सोशल मीडिया अकाउंट, उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा में तृणमूल नेता डेरेक ओ’ब्रायन हैंडल करते है और उनके पास पहले से ही नया लोगो मौजूद है।
जानकारों की माने तो यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ममता बनर्जी ने कांग्रेस से बाहर आने के बाद अपनी नवजात पार्टी को तृणमूल कांग्रेस का नाम दिया था ताकि वो दुनिया को दिखा सकें कि वह ग्रैंड-ओल्ड पार्टी की वास्तविक उत्तराधिकारी थी। यह पैटर्न भारत के अधिकांश दलों का रहा। ममता बनर्जी ने यह साबित करना चाहा था कि उनकी पार्टी बंगाल में असली कांग्रेस थी न कि वह पार्टी जिससे वो बाहर निकली थी।
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