लम्बी राजनीतिक सफर तय करने के बाद कड़िया मुंडा फिर से खेत खलिहान से जुड़े

AJ डेस्क: जिसने किसानी से तय किया था केंद्रीय मंत्री तक का सफर, आज वो पुनः अपने खेतों की ओर लौटने वाला है। जो आठ बार लोकसभा का सदस्य रहा, आज वो हल चलाने वाला है। हम बात कर रहे है उस सादगी पसंद दिग्गज भाजपा नेता की जिसने कभी अपने ऊपर सत्ता के भूत को हावी होने नहीं दिया। जी हां, हम बात कर रहे है वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे करिया मुंडा की।

 

पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष और आठ बार लोकसभा सदस्य रहे करिया मुंडा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा झारखंड से लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काटे जाने के बाद रविवार को कहा कि वह अब खेती की ओर लौटेंगे। बता दें कि भाजपा उम्मीदवारों की सूची में करिया मुंडा की जगह पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा को टिकट दिया गया है।

 

 

 

करिया मुंडा 1977 में पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। वह 2009 में लोकसभा उपाध्यक्ष बने थे। निराश मुंडा ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं खेती से लोकसभा गया था। एक बार पुनः मैं खेती की ओर लौटूंगा। मैं लोगों की सेवा के लिए राजनीति में था न कि निजी हित के लिए। भगवान ने मुझे बहुत कुछ दिया है।’ करिया मुंडा वाजपेई सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।

 

 

 

करिया मुंडा के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वो बेहद सादगी भरा जीवन जीते हैं। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की थी। जब भी उन्हें अपने व्यस्त कार्यक्रम से फुर्सत मिला वो खेतों में काम करते नजर आए। कुछ समय पहले उनकी बेटी की एक तस्वीर सोशल मीडिया में काफी वायरल हुई थी। जिसमें उनकी बेटी सड़क किनारे बैठकर आम बेचती हुईं नजर आ रही थीं। उनकी बेटी पेशे से एक टीचर है।

 

 

 

 

हम यहाँ बता दें करिया मुंडा न केवल 8 बार सांसद रह चके हैं, बल्कि दो बार विधायक रहने के अलावा वो चार बार केंद्रीय मंत्री भी रहे। वह इकलौते ऐसे आदिवासी-गैरआदिवासी सांसद होंगे जो खुद खेतों में हल चलाते हुए नजर आते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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