VIDEO- RTI में खुलासा: राहुल, प्रियंका और यशोदा बेन झारखण्ड में मजदूरी कर उठा चुकी हैं मेहनताना (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: “मन—रे—गा” जो इच्छा करे वही गा लेकिन गा–। तेरे गायन में वो जादू है जो सरकारी बाबुओं को इतना मंत्र मुग्ध कर देता है कि उनकी नजरों के सामने से कौन सी फाइल गुजरी है, उन्हें पता ही नहीं चल पाता या सिक्कों की झंकार से “तंत्र” बहरा, अँधा हो जाता है। कांग्रेस के राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा तो झारखण्ड में मेहनत मजदूरी कर ही चुके होते हैं। प्रधानमंत्री की पत्नी यशोदा बेन को भी दैनिक मजदूरी कराने से यह घोटालेबाज नहीं चुकते। भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने का दम्भ भरने वाले प्रधानमंत्री पहले इन भ्रष्टाचारियों से अपने परिवार को तो बचावें।

 

 

खनिज सम्पदा से धनी झारखण्ड की धरती पर शातिर दिमाग वालों की भी कमी नहीं है तो भ्रष्ट अधिकारियों, बाबुओं का भी यहां बोलबाला है। हम बात कर रहे हैं झारखण्ड के गिरिडीह जिला की जहां एक ऐसे घोटाले का पर्दाफाश हुआ है जिसे सुन आपके होश उड़ जाएंगे। दरअसल अधिवक्ता सह आर टी आई कार्यकर्ता अवधेश कुमार सिंह द्वारा सूचना का अधिकार के तहत विभाग से मांगे गए कुछ सवालों के जवाब में यह बात सामने आई है कि देश के सबसे बड़े सियासी खानदान का चिराग व कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और उसी खानदान की राजकुमारी व कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गिरिडीह जिले के बेंगाबाद प्रखंड में चल रहे मनरेगा योजना में बतौर मेट काम कर चुके हैं। इतना ही नहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भ्रष्टाचार को जड़ से मिटा देने की बातें करते रहते हैं उनकी ही पत्नी यशोदा बेन मजदूरी कर इस योजना के तहत भुगतान ले चुकी है।

 

 

देखें वीडियो (VIDEO)

 

 

यह सनसनीखेज खुलासा तब हुआ जब सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सम्बंधित विभाग से इससे जुड़ी जानकारी मांगा गया। वित्तीय वर्ष 2016-17 के उपलब्ध कराए गए कार्य आदेश की सत्यापित प्रति के अनुसार जो साबित करता है कि पीएम मोदी की पत्नी यशोदा बेन को प्राथमिक कन्या मध्य विद्यालय बेंगाबाद पूर्वी में आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण के लिए मजदूरी का काम दिया गया। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्राथमिक विद्यालय हाडोती में एवम महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को दामोदरडीह में मीना देवी के मुर्गी पालन शेड निर्माण के लिए बतौर मेट नियुक्त किया गया दर्शाया गया है।

 

 

 

आरटीआई के तहत जो खुलासा हुआ है उसमें पिता/पति एवं पदनाम के साथ कार्य आदेश जारी हुआ है। जारी कार्य आदेश में राहुल और प्रियंका के पिता का नाम स्वर्गीय राजीव गांधी और पदनाम भूतपूर्व प्रधानमंत्री लिखा हुआ है। वहीं यशोदा बेन के पति का नाम नरेंद्र मोदी और पदनाम प्रधानमंत्री लिखा हुआ है। इस आदेश में राहुल गांधी का पता ग्राम हांडोडीह पंचायत बेंगाबाद जबकि प्रियंका का पता ग्राम दामोदरडीह पंचायत बेंगाबाद दर्शाया गया है। वहीं पीएम मोदी की पत्नी यशोदा बेन का पता ग्राम बेंगाबाद पूर्वी और पंचायत बेंगाबाद लिखा है।

 

 

 

 

वहीं इस संबंध में गिरिडीह के उपायुक्त राजेश पाठक से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ‘मुझे भी इस संबंध में मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है। उप विकास आयुक्त गिरिडीह को जांच के आदेश दिए गए है। जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे वह बख्शे नहीं जाएंगे। जांच का इंतजार किया जाए। जांच का रिपोर्ट आने पर ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।’

 

 

 

 

बहरहाल यह मामला इसलिए आसानी से पकड़ में आ गया क्योंकि मनरेगा मेट और मजदूर का नाम राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और यशोदा बेन लिखा था। वरना इसके जगह में कोई और नाम होता तो लोगों को झटके में इस गड़बड़झाले की बू तक नहीं आती। ऐसे में यह सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि झारखण्ड में गरीब मजदूरों के लिए चलाई जा रही मनरेगा में फर्जी मनरेगा मेट और मजदूरों की संख्या सैकड़ो नहीं हजारों में भी हो सकता है। जिनके नाम पर घोटालेबाज मनरेगा की योजनाओं की राशि का बंदरबांट करते रहे होंगे।

 

 

 

 

 

 

 

 

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