चैत्र नवरात्र में कैसे करें घट स्थापना? शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि

AJ डेस्क: शनिवार से मां दुर्गा के पवित्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं। इन नौं दिनों में मां दुर्गा की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर आपको मनचाही सिद्धियां प्राप्त होती है और आपकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है। पुराणों में मां दुर्गा के नवरात्रों के असीम महिमा का जिक्र किया गया है। नवरात्र में घर में मां दुर्गा के नाम से घट स्थापना/कलश स्थापना की विधि है। जिसको विधिपूर्वक पूरा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। शनिवार सुबह 6 बजे से 10:07 तक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा अभिजित मुहूर्त 11:46 बजे से 12:36 बजे तक रहेगा। अगर शुभ मुहूर्त में घट स्थापना ना हो पाए तो अभिजित मुहूर्त में भी घट स्थापना किया जा सकता है।

 

 

घट स्थापना की विधि-

घट स्थापना के लिए सबसे पहले मिट्टी का एक बर्तन लें जिसके बीच में कलश रखने के बाद भी आसपास जगह बची रहे। इस बर्तन में कलश स्थापित करने की जगह छोड़कर बाकी जगह साफ मिट्टी डालें। कलश की जगह छोड़कर बाकी जगह जौ बिछाएं और फिर उसके ऊपर एक मिट्टी की परत बिछा दें। इसके बाद फिर से जौ डालें और फिर मिट्टी की परत बिछाकर पानी डाल दें।

 

 

 

जौ बिछाने का काम पूरा होने के बाद अब कलश स्थापित करने की तैयारी करें। कलश पर सबसे पहले स्वास्तिक का निशान बनाएं जो सौभाग्य का प्रतीक होता है। इसके बाद कलश के गले में मोली/कलावा बांधें। अब इस कलश को गंगाजल से भर दें। अगर इतनी मात्रा में गंगाजल नहीं है तो थोड़ा सा गंगाजल और बाकी पानी भी मिलाकर डाल सकते हैं। जल भरने के बाद उस कलश में साबुत सुपारी, चावल, घांस का दूर्वा, पंच रत्न और सिक्का डालें। इसके बाद कलश को चारों तरफ सात या 11 आम के पत्तों से ढ़कें। पत्ता रखने के बाद मिट्टी के ही ढक्कन से कलश को ढक दें।

 

 

 

अब ढक्कर पर भी स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसके ऊपर चावल डालें। आपका कलश तैयार हो चुका है। अब एक पानी वाला नारियल लें और उसके ऊपर भी स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और फिर उसे लाल रंग की चुनरी से चारो तरफ लपेट दें।

 

 

 

ध्यान रहे की नारियल का मुंह आपकी तरफ हो क्योंकि अगर नारियल का मुंह ऊपर की तरफ होता है तो वो रोग बढ़ाने वाला माना जाता है और अगर नीचे की तरफ रखा जाता है तो दुश्मन को बढ़ाने वाला माना जाता है। वहीं अगर आपने नारियल का मुंह पूर्व की तरफ रखा तो वो धन को नष्ट करने वाला माना जाता है। इस तरह आपका घट स्थापित हो गया और अब आप समस्त देवी देवताओं का आह्वाण करते हुए प्रार्थना करें कि वो इस घट में अगले नौं दिनों तक वास करें।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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