VIDEO- आयोग की सख्ती के बावजूद नहीं लग रहा नेताओं की जुबान पर लगाम, सिद्दू भी नहीं ही माने—
AJ डेस्क: चुनाव आयोग ने सोमवार को बीएसपी मुखिया मायावती, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और एसपी नेता आजम खान पर डंडा चलाया। इन सभी नेताओं को दो से तीन दिन के लिए देश के किसी भी हिस्से में चुनावी प्रचार में शामिल होने पर रोक लगा दिया। अब सवाल है कि इन लोगों को किस खता की सजा मिली। इस विषय पर विस्तार से जानेंगे उससे पहले यहां पर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के एक बयान का जिक्र किया गया है जिसे उन्होंने बिहार के कटिहार में दिया। पहले उसे जान लेतें हैं।
बिहार के कटिहार में नवजोत सिंह सिद्धू चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे और एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधने के आधार पर मुस्लिम मतदाताओं से मत देने की अपील की। सिद्धू ने कहा कि मैं आपको चेतावनी देने आया हूं। मुस्लिम भाइयों आपको बांटा जा रहा है। यहां ओवैसी जैसे लोगों को लाकर आपके वोटों पर नजर रखी जा रही है। आप लोगों के वोट बंटने की चिंता है। अगर आप लोग इकट्ठा हुए, एकजुट हुए तो मोदी सुलट जाएगा।
देखें वीडियो-
#WATCH Bihar:N Sidhu says in Katihar 'Main aapko chetavni dene aya hun Muslim bhaiyon,ye baant rahe hain apko,ye yahan Owaisi jaise logon ko la ke,ek nai party khadi kar aap logon ka vote baant ke jitna chahte hain.Agar tum log ikathe hue,ekjut hoke vote dala to Modi sulat jaega' pic.twitter.com/PQlIjm4oW2
— ANI (@ANI) April 16, 2019
इस क्रम में अब ये जानने की जरूरत है कि मायावती ने क्या कहा था? पहले चरण में चुनाव प्रचार के दौरान मायावती ने यूपी के कुछ खास मंडलों (मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद) का जिक्र करते हुए कहा था कि इन इलाकों में मुस्लिम समाज की तादाद ज्यादा है। अगर मुस्लिम समाज के लोग कांग्रेस के पक्ष में वोट किए तो उनका मत बर्बाद हो जाएगा। चुनाव आयोग ने उनके बयान को संज्ञान में लिया और कार्रवाई करते हुए 48 घंटे के लिए बैन कर दिया।
कुछ इसी तरह का बयान मेनका गांधी ने सुल्तानपुर में दिया था। उन्होंने कहा कि अगर वो मुसलमानों के समर्थन के बगैर जीतती हैं तो अच्छा नहीं लगेगा। उन्हें यह अच्छा नहीं लगता है कि कोई उन्हें वोट न करे और काम के लिए आए। उन्हें भी अच्छा नहीं लगता है, आखिर नौकरी की मांग भी तो एक तरह से सौदेबाजी है। अब वो महात्मा गांधी की छठी औलाद तो नहीं है कि वो देते जाएं और इलेक्शन में मात खाएं।
इसके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी पहले चरण के चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अगर उन लोगों को अली पर भरोसा है तो हमारे पास बजरंग बली है। इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए रामपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आजम खान ने कहा था कि वो बजरंग बली को एक और नाम देते हैं बजरंग बली को बजरंग अली क्यों न कहा जाए।
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