गरीबी और विपरीत परिस्थितियां भी न रोक सकी शुभम को, JEE मेन में लाया 99.56 प्रतिशत अंक

AJ डेस्क: इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन का रिजल्‍ट हाल ही में घोषित किया गया। जहां इस बार फिर से कई गरीब घरों के बच्‍चों ने मुश्‍किल हालातों का सामना कर परीक्षा में बढियां रैंक हासिल कर अपने मां-बाप का नाम रौशन किया। इन्‍हीं में से एक हैं शुभम चौरसिया जिन्‍होंने जेईई मेन 2019 में 99.56 प्रतिशत अंक हासिल किये।

 

 

शुभम ने गरीबी और मुश्किलों का सामना कर यह कारनामा दिखाया। वह बिहार के गया में रहते हैं जहां उनके पिता शिव कुमार प्रसाद चौरसिया पान की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। शुभम के पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह शुभम को 10वीं कक्षा के बाद पढ़ा पाते। मगर उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने में गया के ही एक कोचिंग सेंटर मगध सुपर 30 का एक बड़ा योगदान था।

 

 

यह कोचिंग सेंटर पूर्व डीजीपी अभयानंद द्वारा शुरू किया गया था, जो गरीब बच्चों को प्रीमियर इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में लाने में मदद करता है। द बेटर इंडिया को दिये एक इंटरव्‍यू के दौरान शुभम ने बताया कि ‘मेरे पिता एक सुपारी व्रिकेता हैं, जिन्होंने मुझे शिक्षित करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया। जब मैंने 10 वीं कक्षा पूरी की, तब यह स्पष्ट हो गया कि वह मेरी शिक्षा को आगे बढ़ाने में सक्षम नहीं होंगे। मैंने आगे की पढ़ाई के लिये उम्मीद छोड़ दी थी। मगर मगध सुपर 30 में आने के बाद मेरी उम्‍मीद फिर से बंधी। मैंने इस कोचिंग में दो साल पढ़ाई की।

 

 

अगर बात करें शुभम के पिता की तो वह रोजाना पान बेच कर अपने परिवार का भरन पोषण करते हैं। शुभम के पिता बेटे की कामियाबी देख कर काफी खुश हुए। उन्‍होंने कहा- मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा एक इंजीनियर बन सकता है। मैं परिवार के लिए उसे अपने व्यवसाय में शामिल करने का विचार कर रहा था। मैंने मगध सुपर -30 के पंकज जी का धन्यवाद करता हूं जिन्‍होंने मुझे अपने बेटे को आगे पढ़ाने का अनुरोध किया।

 

 

फिलहाल, शुभम जेईई एडवांस की तैयारी में जुटे हुए हैं जो 27 मई को आयोजित की जाएगी। उनका सपना IIT दिल्‍ली में दाखिला पाना और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में सपना साकार करना है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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