चुनाव के वक्त शंकराचार्य का बड़ा बयान: RSS हिंदु नहीं, प्रज्ञा साध्वी नहीं

AJ डेस्क: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर आरएसएस पर बडा हमला बोला है। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग वेदों पर विश्वास नहीं करते। शंकराचार्य ने अपने एक बयान में कहा है कि जो वेदों पर विश्वास नहीं करता वो हिंदू नहीं हो सकता।

 

 

गोलवलकर की किताब का दिया हवाला

स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि “उनका एक ग्रंथ है विचार नवनीत, जो गोलवलकर जी का लिखा हुआ है। उन्होंने ये बताया है कि हिंदुओं की एकता का आधार वेद नहीं हो सकता। यदि वेद को हम हिंदुओं की एकता का आधार मानेंगे तो जैन और बौद्ध हमसे कट जाएंगे। वो भी हिंदू हैं।”

 

 

शंकराचार्य ने कहा कि वो ये मानते हैं कि ‘जो वेदों के धर्म-अधर्म पर विश्वास रखता है वही हिंदू है। वेद-शास्त्रों में जो विधिशेध हैं। उनको जो मानता है उसी को आस्तिक माना जाता है, और जो आस्तिक होता है वही हिंदू होता है।’

 

 

प्रज्ञा ठाकुर पर भी दे चुके हैं बयान

इससे पूर्व शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती कह चुके हैं कि प्रज्ञा ठाकुर साध्वी नहीं हैं। अगर वे साध्वी होती तो अपने नाम के पीछे ठाकुर क्यों लिखती। उन्होंने कहा साधू-साध्वी होने के मतलब है ऐसे व्यक्ति की सामाजित मृत्यु हो जाना। साधू-संत को समाज से कोई मतलब नहीं होता वे पारिवारिक जीवन नहीं जीते, लेकिन प्रज्ञा के साथ ये सब चीजें लगी हुई हैं। इसलिए वे साध्वी नहीं हैं। प्रज्ञा को अपनी बात कहते समय भाषा पर संयम रखना चाहिए।

 

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद और दिग्विजय सिंह.

दिग्विजय सिंह के करीबी हैं शंकराचार्य

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का ये बयान तब आया है जब भोपाल में चुनावों को महज 3 दिन बाकी हैं। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर में खुद को बेहतर हिंदू साबित करने की होड़ लगी है। ऐसे में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने संघ पर वेदों को नहीं मानने का बयान देकर नई बहस को जन्म दे दिया है। यहां ये भी बताना जरुरी है कि दिग्विजय सिंह स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य हैं, और काफी करीबी भी माने जाते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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