भाजपा कांग्रेस आमने-सामने: दिल धक-धक करने लगा, प्रत्याशी भिड़े डैमेज कंट्रोल में
AJ डेस्क: धनबाद संसदीय क्षेत्र में अब महज 8 से 9 घण्टे के बाद राष्ट्रीय पर्व का “महा गुप्तदान-मतदान” पड़ना शुरू हो जायेगा। घड़ी की सुईयां टिक टिक करते जैसे-जैसे आगे बढ़ रही हैं, चुनावी रेस में शामिल प्रत्याशियों के दिल की धड़कन उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही हैं। धनबाद में यूँ तो बीस उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं लेकिन इसमें मुख्य रूप से दो उम्मीदवार ही रेस में शामिल हैं।
भाजपा और कांग्रेस अंतिम क्षण तक चुनावी खेल का हर हथकंडा आजमाते देखे जा रहे हैं। इनकी सक्रियता ने धनबाद के चुनावी संघर्ष में अब एक अलग पृष्ठ भूमि तैयार कर दिया है। प्रचार प्रसार थमने के बाद प्रत्याशियों की टीम बूथ मैनेजमेंट के कसरत में जुट गयी तो प्रत्याशी डैमेज कंट्रोल में लग गए हैं। प्रत्याशियों को जहां कहीं भी कुछ चूक होने की सूचना मिल रही है। वह डैमेज कंट्रोल करने में जुट जा रहे हैं। आज की रात इनके लिए कयामत की रात साबित हो रही है।
धनबाद संसदीय क्षेत्र का लोक सभा में दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके भाजपा के पशुपतिनाथ सिंह इस बार हैट्रिक जड़ने की नीयत से चुनावी मैदान में हैं। पशुपति नाथ सिंह इसके पहले तीन बार विधान सभा में धनबाद का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। भाई जी के नाम से फेमस पी एन सिंह कोयलांचल की राजनीति से रोम रोम वाकिफ हैं।
भाजपा के सामने कांग्रेस के उम्मीदवार कीर्ति आजाद अपने युवा अवस्था में धुरंधर क्रिकेटर के रूप में अलग पहचान बनाने में सफल रहे थे। लोक सभा चुनाव का अनुभव उनके पास भी है। कीर्ति आजाद भी दरभंगा का प्रतिनिधित्व संसद में कर चुके हैं। हालाँकि कोयलांचल की राजनीति का अनुभव उनके पास नहीं है। धनबाद की धरती पर आते ही उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ा था।लेकिन वह डटे रहे और धीरे धीरे अपना क्षेत्र सुधारने लगे।
कल यानि मतदान के दिन जो प्रत्याशी ज्यादा से ज्यादा अपने वोटर को बूथ तक लाने में सफल होगा, वही शायद 23 मई को सिकन्दर भी कहलाएगा। 12 मई भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए अग्नि परीक्षा का दिन साबित होने जा रहा है।
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